64 लाख के नाले को सही ढंग से बना दो,बरसात में समस्या के न हो आसार
पनागर/पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंगल भवन से कृषि उपज मंडी तक बन रहे नाले को लेकर पनागर नगर में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि नाला निर्माण जिस तरीके से हो रहा है वह नहीं लगता की बरसात में खेतों से आने वाला बारिश का पानी निकल सके,इसके साथ ही इसका निर्माण कार्य चर्चाओं के घेरे में है क्योंकि 25 – 30 फुट लगभग का नाला पहले कच्चा था पक्के नाले की चौड़ाई तीन गुना कम कर दी गई हैं सवाल उठता है कि पहले कच्चे नाले की वजह से जलप्लावन की स्थिति निर्मित हो रही थी इसके बावजूद पक्के नाले की चौड़ाई कम कर दी गई,यह तो तय है की बरसात के समय फिर से दीनदयाल उपाध्याय मंगल भवन से लेकर कृषि उपज मंडी तक जल फ्लावन होगा चूंकि नगर में चर्चाएं हैं की पहले भी दीनदयाल मंगल भवन निर्माण कार्य में नाले की चौड़ाई कम कर दी गई थी और नाला पहले भी अतिक्रमण की चपेट पर था
64 लाख में बन रहा है नाला
क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि नगर पालिका परिषद द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंगल भवन से कृषि उपज मंडी तक 64 लाख रुपए की लागत से नाले का निर्माण कराया जा रहा है इसमें सबसे खास बात यह है कि 40 लाख रुपए की राशि शासन से मिली है बाकी शेष राशि नगर पालिका परिषद अपने मत से खर्च करेगी बताया जा रहा है कि इसको लेकर भी नगर पालिका और शासन के बीच में फंसा हुआ है क्योंकि नगर पालिका के अधिकारी कह रहे की नाला निर्माण की राशि पहले स्वीकृत हुई थी उतनी ही राशि से नाला निर्माण हो रहा हैं
सही ढंग से बना दिया जाए नाला नहीं तो परेशानी होगी
क्षेत्रीय लोगों को कहना है कि यह नाला पहले कच्चा था जिसमें 20 फीट कहीं 25 फीट चौड़ाई थी लेकिन अभी तक के निर्माण पर भी चौड़ाई का ध्यान नहीं दिया गया है इसकी वजह से यहां से पानी निकलना बड़ा मुश्किल होगा लोगों की माने तो यह निर्माण होना एक बराबर है क्योंकि बरसात के समय इस नाले की वजह से घरों के अंदर तक पानी भर जाता है पक्का नाला निर्माण का मकसद यही था कि लोग बरसात के समय चैन की सांस लेते हुए अपने घरों में रहे परंतु इस तरीके से निर्माण किया जा रहा है उससे लग रहा है कि बरसात के मौसम पर घरों के अंदर पानी घुसना तय है।
नाला निर्माण में सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है
पनागर के क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि अभी तक जितना भी नाला निर्माण हुआ है उसमें एक बात सामने आई है कि अधिकारी इस निर्माण की आड़ में सिर्फ औपचारिकताएं पूरी करना चाहते हैं क्योंकि नाले की चौड़ाई नहीं बढ़ाई जा रही है और मुख्य वजह यह है कि जब तक नाले की चौड़ाई नहीं बढ़ाई जाएगी तब तक इस नाले से बरसात का पानी निकलना मुश्किल है और नाले से जब पानी नहीं निकलेगा तो यही पानी लोगों के घरों में घुसेगा । अधिकारियों ने भरोसा दिलाया था कि बेहतर ढंग से नाला निर्माण किया जाएगा लेकिन अभी तक जो निर्माण हुआ है उससे कहीं यह प्रतीत नहीं होता है।
पूर्व पार्षद ने पिछली परिषद में आपत्ति लगाई थी
नाला निर्माण क्षेत्र अंतर्गत के पार्षद ने परिषद की बैठक में आपत्ति लगाई थी उस समय से पास नाला पिछली परिषद में नही बना लेकिन नई परिषद द्वारा चौड़ाई कम कर नाले का निर्माण किया जाना चर्चाओं का विषय बना हैं
इनका कहना
नाला पहले कच्चा था लेकिन 20 फीट से लेकर बीच बीच में 35 से 45 फीट तक था अनेकों बार लोक निर्माण विभाग में शिकायत की चुकीं हैं इस निर्माण कार्य से जल प्लावन की स्थिति निर्मित होगी इस नाले का निर्माण 20 फीट का किया जाना चाहिए
महेंद्र चक्रवर्ती उपाध्यक्ष
नगर पालिका परिषद पनागर