मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 2018 हाई स्कूल शिक्षक भर्ती के नियमों में संशोधन
एक दर्जन से अधिक याचिकाओं पर हुई सुनवाई

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 2018 हाई स्कूल शिक्षक भर्ती के नियमों में संशोधन
एक दर्जन से अधिक याचिकाओं पर हुई सुनवाई
जबलपुर, यश भारत। बुधवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में 2018 से संबंधित हाई स्कूल शिक्षकों की भर्ती नियमों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली एक दर्जन से अधिक याचिकाओं की सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई में न्यायालय ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि भर्ती के नियमों में संशोधन किया जाए।
न्यायालय ने खास तौर पर यह निर्देश दिया था कि भर्ती के नियमों में, जिनमें न्यूनतम शैक्षणिक योग्यताएं निर्धारित की गई थीं, उनमें बदलाव किया जाए। वर्तमान में, कुछ जिलों में द्वितीय श्रेणी की न्यूनतम प्रतिशत सीमा 45% रखी गई है, तो कुछ जिलों में इसे 50% माना जाता है। परिणामस्वरूप, जिन अभ्यर्थियों का प्रतिशत 47-49% था, उन्हें नियुक्ति से वंचित किया गया, जबकि 45-46% वाले उम्मीदवारों को नियुक्ति मिल गई।
इस संदर्भ में, वकील रामेश्वर ठाकुर ने कोर्ट में बताया कि एनसीटी के अनुसार, श्रेणी का निर्धारण अंक प्रतिशत पर होना चाहिए, न कि केवल श्रेणी पर। इसके आधार पर, न्यायालय ने राज्य सरकार को नियमों में संशोधन करने का आदेश दिया। राज्य शासन ने 23 जनवरी, 2025 को एक अंडरटेकिंग दी है कि वह इन नियमों में आवश्यक बदलाव करेगा और 8 फरवरी, 2025 तक संशोधित नियमों को न्यायालय में प्रस्तुत करेगा। इसके साथ ही, एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए भी नए संशोधन लागू होंगे, ताकि उनके प्रतिशत और श्रेणी के बीच कोई भेदभाव न हो।