जबलपुर, यशभारत। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर मचे घमासान के बीच एक नई खबर सामने आई है। कहा जा रहा है कि महापौर, पालिका अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्ष के सीधे चुनाव वाला अध्यादेश राजभवन से वापस हो गया। इसके बाद एक बार फिर से प्रदेश की राजनीति में हलचल शुरू हो गई है।
मालूम हो कि मेयर-अध्यक्ष को पार्षदों नहीं, बल्कि सीधे जनता ही चुनेगी, इस पर फिर असमंजस की स्थिति बन थी। सरकार ने मेयर-अध्यक्ष को सीधे जनता द्वारा चुने जाने वाले अध्यादेश को बुधवार को अचानक राजभवन से वापस बुला लिया है। नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का अध्यादेश सरकार ने राजभवन भेजा था।
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