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जीएसटी वसूलने के नाम पर मची लूट, कार्यप्रणाली से त्रस्त व्यापारी, जो दायरे में नहीं, उनको भी विभाग भेज रहा नोटिस

कटनी, यशभारत। राज्य का जीएसटी विभाग आय बढ़ाने के लिए प्रावधानों के विपरीत कदम उठा रहा। ऐसे करदाता, जिन्होंने पिछले वर्षों में पोर्टल पर दिख रही क्रेडिट ली ही नहीं, उसे भी करदाता से ही वसूलने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों, प्रिवेंटिव एवं ऑडिट विभाग द्वारा व्यापारियों को बीते वषों से अब तक नहीं ली गई क्रेडिट को लेने के लिए नोटिस व व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया जा रहा है। कटनी में पदस्थ कुछ अधिकारी करदाताओं पर इस टैक्स की राशि को वसूलने के लिए कारण बताओ नोटिस शोकॉज नोटिस भी जारी कर रहे हैं। ये नोटिस उन व्यापारियों को विभाग भेज रहा है, जिनके द्वारा बेचे जा रहे उत्पाद जीएसटी के अंतर्गत आते ही नहीं हैं। यानी जो करमुक्त माल बेच रहे हैं।
वाणिज्यिक कर जीएसटी विभाग एवं व्यापारियों का संबंध आपस में चोली-दामन की तरह है। विभाग की योजनाएं व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए हैं ना कि उनका शोषण करने के लिए। मगर क्षोभ के साथ लिखना पड़ रहा है कि वाणिज्यिक कर विभाग के कुछ अधिकारी वर्षों से एक ही जगह पर कुंडली मार कर जमे हुए हैं तथा व्यापारियों का शोषण करते हुए खून चूसते हुए विभाग के माथे कालिख पोत रहे हैं।ऐसे ही एक अधिकारी हैं बी पी पटेल जो कटनी में सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी वृत दो के पद पर विगत कई वर्षों में पदस्थ हैं, जबकि इनकी समय सीमा तीन वर्ष की होती है। कहने को तो ये कटनी कार्यालय में पदस्थ हैं मगर वे बमुश्किल दो दिन ही कार्यालय में उपलब्ध रहते हैं तथा बाकी दिन ये अपने गृह नगर जबलपुर स्थित निवास से कार्यालयीन कार्यों को संपादित करते हैं। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि बी पी पटेल सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी ने कटनी में विभाग को भृष्टाचार के दलदल में डुबो दिया है। व्यापारी वर्ग इनके निजी आर्थिक हितों को पूरा करते करते थक गया है। ऐसे अधिकारी जिले के व्यापारियों का खून चूस रहे हैं।इनकी कार्यप्रणाली से व्यापारी त्रस्त हो चुके हैं। दरअसल जीएसटी के प्रावधानों में करमुक्त माल या सेवाओं के लिए या धारा 17 (5) के तहत कुछ विशेष प्रकार के लेनदेन पर क्रेडिट लेने पर रोक है। इस कारण से अधिकतम करदाताओं द्वारा ऐसी क्रेडिट नहीं ली जाती। जब ऐसा टैक्स आई जीएसटी के दायरे में आता है, तब ये टैक्स की राशि केंद्र सरकार के पास तब तक जमा रहती है जब तक उसे करदाता द्वारा नियमित रिटर्न की माध्यम से क्लेम नहीं कर लिया जाता। इस कारण से केंद्र सरकार के पास ऐसी अन.क्लेम्ड आईजीएसटी की राशि बढ़ती जा रही थी और इसकी क्रेडिट राज्य सरकारों के खाते में नहीं आ पा रही थी।

नियम विरुद्ध भेज रहे नोटिस

जानकारी के मुताविक पिछले दिनों कटनी टैक्स बार एसोशिएशन ने भी इस सबंध में घोर आपत्ति दर्ज कराई थी। जानकारी के अनुसार जीएसटी में गलत क्रेडिट लेने पर ब्याज व पेनल्टी का प्रावधान है लेकिन क्रेडिट नहीं लेने पर भी उस राशि को करदाता से वसूलने के लिए शोकॉज जारी करना आश्चर्यजनक है। ऐसे सभी नोटिस प्रावधानों के विपरीत हैं। समय-सीमा के बाद क्रेडिट लेने पर उस साल के वार्षिक रिटर्न में भी परेशानी आएगी।

मंत्री, विधायक व कलेक्टर से शिकायत कर चुके व्यापारी

पिछले दिनों समस्त व्यापारियों की ओर से स्थानीय विधायक, जिला कलेक्टर सहित विभाग के मंत्री से भी इनकी भृष्ट कार्यप्रणाली से अवगत कराया जा चुका हैं। सालों से कुंडली मारकर पदस्थ बी पी पटेल सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी वृत दो को अविलंब कटनी जिले से बाहर स्थानांतरित करने का कष्ट करें ताकि कटनी जिले के व्यापारी चैन की सांस लेते हुए अपना व्यापार कर सकें तथा विभाग और व्यापारियों के बीच सामंजस्य और सौहार्द बना रहे।

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