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किसी की मृत्यु के बाद भूलकर भी नहीं करना चाहिए ऐसा काम,वरना आत्मा को नहीं मिल पाता है मोक्ष,जानिए क्या कहता है शास्त्र,

हिंदू सनातन धर्म में किसी की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी सबसे पहले की जाती हैं. क्योंकि हिंदू सनातन धर्म में मृत्यु के बाद शव को रात में घर में नही रखा जाता हैं. सूर्यास्त होने से पहले ही शव के अंतिम संस्कार कर दिए जाते हैं. अंतिम संस्कार विधि सहित और कुछ रस्मो के साथ पूरा किया जाता हैं.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की किसी की मृत्यु के बाद क्या करना चाहिए. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

घर में शोक मानाया जाता है
किसी की मृत्यु के बाद घर में शोक मनाया जाता हैं. जिसमें घर के सदस्य मृतक व्यक्ति को याद करते हैं. घर के सदस्य के द्वारा मृतक व्यक्ति के शव को संभाला जाता हैं. और शव के अंतिम संस्कार की तैयारी की जाती हैं.

रिश्तेदारों को सुचना पहुंचाई जाती है
किसी के मृत्यु के बाद मृतक व्यक्ति के रिश्तेदारों को सुचना पहुंचाई जाती हैं. ताकि वह भी मृतक व्यक्ति के अंतिम दर्शन के लिए पहुंच सके. और उनकी शव यात्रा में शामिल हो सके.

अंतिम यात्रा की तैयारी की जाती है

किसी की मृत्यु के बाद शव को ज्यादा समय तक घर में नही रखा जाता हैं. इसके लिए शव की अंतिम यात्रा की तैयारी की जाती हैं.

इसके लिए घर के सदस्य शव को श्मशान तक पहुँचाने के लिए जो जरूरी चीज़ वस्तु लगती हैं. वह सामग्री खरीदकर लाते हैं. और अपने समाज की प्रथा अनुसार विधि तथा रस्मे आदि निभाते हुए. शव को श्मशान तक पहुंचाया जाता हैं.

अंतिम यात्रा के बाद दान आदि किया जाता है
अंतिम यात्रा पूर्ण हो जाने के बाद मृतक व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए जरूरतमंद लोगो को परिवार वालो के द्वारा दान आदि किया जाता हैं. इससे परिवार वालो को भी पूण्य की प्राप्ति होती हैं.

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मृत्यु के बाद शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता

गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के बाद शव को अकेला छोड़ना अच्छा नही माना जाता हैं. इसका बुरा प्रभाव हमारे पर ही पड़ता हैं. अगर आप मृत्यु के बाद शव को अकेला छोड़ते हैं. तो शव के आसपास मौजूद बुरी आत्मा शव में प्रवेश कर जाती हैं. इस वजह से मृतक व्यक्ति को जल्दी मोक्ष की प्राप्ति नही होती हैं.

ऐसा करने से सिर्फ शव को ही नही परिवारों वालो को भी नुकसान हो सकता हैं. इसके अलावा शव को अकेला छोड़ने से वहां मौजूद कोई भी पशु शव को नोच करके खा सकता हैं. इसलिए मृत्यु के बाद शव को अकेला नही छोड़ना चाहिए.

मृत्यु के बाद मुंडन क्यों कराया जाता है

मृत्यु के बाद मृतक व्यक्ति के सम्मान के लिए परिवार वाले मुंडन करवाते हैं. यह एक जरिया है जिसमे आप मृतक व्यक्ति से प्रेम जता रहे हैं. इसलिए मृत्यु के बाद मुंडन कराया जाता हैं. कई बार दुःख की भावना से भी मृतक व्यक्ति के लिए मुंडन करवाया जाता हैं.

गरुड़ पुराण में बताया गया है की मृत्यु के बाद आत्मा भटकती रहती हैं. और वह फिर से परिवारों वालो के पास आना चाहती हैं. जब वह परिवार वालो के पास वापस आना चाहती हैं. तब परिवार वालो के बालो का सहारा लेती हैं.

आत्मा बालो का सहारा लेकर फिर परिवार वालो के पास ना आ जाए इसलिए भी मुंडन करवाया जाता हैं. इससे आत्मा को जल्दी मोक्ष की प्राप्ति होती हैं. और परिवार वालो के मोह से मुक्त होती हैं.

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