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JABALPUR NEWS: मेडिकल में कैंसर सिकाई मशीन फिर खराब, दिल्ली से आएंगे इंजीनियर पर कब किसी को नहीं पता

जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के कैंसर विभाग की व्यवस्थाएं किसके भरोसे हैं यह तो वहां काम करने वाले कर्मचारियों को भी नहीं पता। एक बार फिर कैंसर विभाग की सिकाई मशीन खराब हो गई जिसकी वजह मरीजों को बगैर सिकाई के ही लौटना पड़ रहा है। सबसे खास बात ये है कि सिकाई मशीन शनिवार से खराब है जिसकी विजिट एक इंजीनियर द्वारा की जा चुकी है परंतु उसे सुधारने के लिए दिल्ली से इंजीनियर आएंगे। मालूम हो कि इससे पहले भी नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल की कोबाल्ट मशीन खराब हो चुकी है और हर बार मशीन खराब होने के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

गरीब मरीज हो रहे परेशान

अनदेखी से नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में कैंसर मरीजों के लिए जरुरी सिंकाई(थेरेपी) समय पर नहीं हो पा रही है। कैंसर अस्पताल में मरीजों की थैरेपी के लिए तीन मशीन है। इसमें एक कोबाल्ट टेलेथेरेपी मशीन शनिवार से खराब है। मरीजों की सिंकाई बंद है। कुछ माह पूर्व भी टेलेथैरेपी मशीन बंद होने से मरीजों की ब्रेकी थेरेपी (जीमतंचल) भी नहीं हो पा रही थी मरीजों को थेरेपी के लिए भोपाल, मुंबई सहित दूसरे शहर तक जाना पड़ रहा है। निजी अस्पताल में थेरेपी महंगी होने से गरीब मरीज परेशान है।

रोजाना 150 मरीज पहंुंचते हैं थैरेपी कराने

बताया जा रहा है कि मेडिकल के कैंसर अस्पताल में थेरेपी के लिए आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जानकारों के अनुसार दो टेलेथेरेपी मशीन को मिलाकर एक दिन में औसतन 100-120 मरीजों की थेरेपी की क्षमता है। इसमें एक मशीन खराब है। इस मशीन के पुराना होने के कारण उसके पार्ट्स भी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाते है। अभी 60-70 मरीजों की थेरेपी हो पा रही है। जबकि जरुरतमंद मरीजों की संख्या प्रतिदिन औसतन डेढ़ सौ के पार हो चुकी है। इस लिहाज से तीन मशीन की आवश्यकता है। लेकिन दो में भी एक महीनों से बंद है।

निश्चित अंतराल में होती मरीजों की सिकाई

बताया जा रहा है कि कैंसर पीड़ितों की थैरेपी निश्चित समय अंतराल में होना जरूरी है। यह थैरेपी निजी अस्पतालों में महंगी है। यहां रीवा, सिंगरौली, शहडोल, नरिसंहपुर, अमरकंटक, पन्ना, दमोह सहित दूरदराज के इलाकों से कैंसर पीडि़त अस्पताल आते हैं।

एक या दिन में सुधर जाएगी मशीन
कैंसर कोबाल्ट मशीन खराब होने की सूचना मिली है, इसकी जानकारी भी ली गई है, दिल्ली से इंजीनियर आना है एक या दो दिन में इंजीनियर आएंगे जिसके बाद से मरीजों को इसका लाभ मिलेगा।
डाॅक्टर नवनीत सक्सेना, डीन नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल काॅलेज

 

 

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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