JABALPUR NEWS:- नहीं दूंगी वेतन जो बने कर लो- राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान संचालिका
वेतन मांगने पर संचालिका ने अभद्रता की, महिला कर्मचारी का आरोप, संचालिका ने कहा ऐसा कुछ नहीं है

जबलपुर, यशभारत। मध्यप्रदेश राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान की संचालिका की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई है। शिकायतकर्ता संस्थान पर कार्यरत महिला अधिकारी है। इसके बाद पूरे संस्थान में हड़कंप मच गया है। शिकायकर्ता ने कहा कि वेतन मांगने पर संचालिका द्वारा अभद्रता की गई, गाली-गलौज कर कमरे से बाहर कर दिया गया। इधर संचालिका का कहना है कि किसी भी तरह की अभद्रता नहीं की गई और पूरा प्रकरण समाप्त हो चुका है।
शिकायकर्ता ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत देते हुए बताया कि वह संस्थान पर सहायक संचालक के पद पर कार्यरत है। बीते कुछ माह से संचालिका द्वारा वेतन नहीं दिया जा रहा है इसको लेकर वरिष्ठ कार्यालय से एक अधिकारी संस्थान पहुंचा था जिसके समक्ष समस्या सुनाई। अधिकारी को बताया गया कि बगैर कारण वेतन रोककर रखा गया इस बात पर संचालिका नाराज हो गई और वह अभद्र तरीके से बात करने लगी। संचालिका को कहा गया कि वह मर्यादा में रहकर बात करें तो वह आग बबूला हो गई और अन्य अधिकारियों के सामने गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। संचालिका का कहना था कि वेतन नहीं देगी और उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता है।
जोर-जोर से हंसने लगी संचालिका
शिकायकर्ता अधिकारी ने शिकायत में बताया कि संचालिका अपनी मनमानी में उतारू है। 4 माह से वेतन रोककर रखा गया है पूछने पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया जाता है। इसी बात को लेकर संचालिका द्वारा अभद्रता की गई साथ ही जब वह घर जाने लगी तो अन्य कर्मचारियों के साथ बैठकर संचालिका जोर-जोर से हंसने लगी।
वेतन कहां से दूं जब पद ही नहीं है
इस संबंध में राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान की संचालिका श्रदा पाठक का कहना है कि जिन कर्मचारियों ने अभद्रता की शिकायत की है वह सब फर्जी है, सबसे मुख्य बात ये है कि दोनों अधिकारियों का पद संस्थान पर नहीं है इसलिए वेतन यहां से नहीं दिया जा सकता है। इस बारे में दोनों अधिकारियों को जानकारी दी जा चुकी है परंतु वह सुनने को तैयार नहीं है। मेरे द्वारा अभद्रता नहीं की गई शिकायत करने वाली अधिकारी द्वारा अभद्रता की गई है।
ऐसी सरकारी नौकरी किस मतलब की जिसमें वेतन के लाले पड़े हैं
सरकारी नौकरी पाने के लिए लोग कितना जतन करते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश राज्य विज्ञान संस्थान में कार्यरत दो सहायक संचालक अधिकारी अपनी नौकरी को लेकर टेंशन में है उनका मानना है कि ऐसी सरकारी किस मतलब की जिसमें वेतन ही न मिले। दरअसल दोनों सहायक संचालकों को बीते ४ माह से वेतन नहीं मिला है इसके लिए दोनों अधिकारी कार्यालय की संचालिका सहित वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं परंतु कही कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है।








