जबलपुर में 10 हजार सब्जी-फल ठेला वाले बिना लायसेंस केः खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन में पंजीकरण अनिवार्य

जबलपुर, यशभारत। अब सब्जी व फल बेचने वालों समेत अनेक छोटे दुकानदार खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आ गए हैं। इन दुकानदारों को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन में पंजीकरण कराना पड़ेगा, अन्यथा जुर्माना व कुछ माह की सजा हो सकती है। जबलपुर में 10 हजार से सब्जी-फल और होटल की दुकान लगाने वाले व्यापारियों ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन में पंजीकरण नहीं कराया है।
मालूम हो कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत चार फरवरी 2014 से व्यवसाय के पंजीकरण की अनिवार्यता कर दी गई है। फल, सब्जी, फलों का रस, मिठाई, चाय, नमकीन, मीट, अंडा, मुर्गा, दाल से लेकर चाट पकौड़े की बिक्री करने वालों को व्यवसाय का पंजीकरण कराकर लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने सब्जी-फल या खाने की अन्य सामग्री घूमकर बेचने वालों को बड़ी राहत दी है। अब वह खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) में पांच वर्ष के लिए अपना पंजीयन निशुल्क करा सकेंगे।
फेरी वालों को यह होगा लाभ
अभी बिना लाइसेंस पकड़े जाने पर पांच हजार से 20 हजार रुपये तक अर्थदंड लगता है, जिससे बच जाएंगे।
पंजीयन की शर्तों के अंतर्गत उन्हें यह पता रहेगा कि क्या करना और क्या नहीं करना।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के पास उनका ब्योरा होने से उन्हें समय-समय पर विभाग या एनजीओ के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा सकेगा।
सरकार को यह लाभ होगा
पंजीयन होने से फेरी लगाकर खाद्य पदार्थ बेचने वालों का ब्योरा सरकार के पास रहेगा।
पंजीयन कराने के साथ ही फेरीवालों को शपथ पत्र देना होता है कि वह शर्तों का पालन करेंगे।
इस तरह वह नियम से बंध जाएंगे। पंजीयन में पता और मोबाइल नंबर भी रहेगा।
फेरी वालों के विरुद्ध कोई शिकायत आती है तो नोटिस भेजना आसान हो जाएगा।
खाद्य पदार्थ बनाने और बेचने में स्वच्छता का मापदंड पूरा कराना भी आसान होगा।
आवश्यकता होने पर मोबाइल पर उन्हें एक साथ मैसेज भेजा जा सकेगा।