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JABALPUR NEWS- शिक्षक की पीड़ा, जिसने जन्म दिया उसका इलाज नहीं करा पा रहा हूं, धिक्कार है ऐसी नौकरी पर…. वीडियो… देखें…

बघराजी बालक स्कूल के सहायक शिक्षक जीपीएफ के लिए भटक रहा है

 

 

जबलपुर, यशभारत। स्कूल शिक्षा विभाग के लाखे और कोशिशों के बाबजूद शिक्षकों की समस्याएं दूर होने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला बघराजी बालक स्कूल के सहायक शिक्षक से जुड़ा है। शिक्षक अपनी मां का इलाज कराना चाहता है और उसे इसके लिए खुद के जीपीएफ राशि की जरूरत है। परंतु जानकर हैरानी होगी कि अप्रैल से जीपीएफ पाने के लिए सहायक शिक्षक की चप्पल घिस गई है लेकिन जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी जीपीएफ की फाइल में साइन करने तैयार नहीं है।

 

सहायक शिक्षक सिराज खान ने बताया कि 80 साल की मां को हार्ट की बीमारी है साथ ही बाइक से गिरने के कारण हाथ-पैर में भी चोट हैं। मां की बीमारी में लाखों रूपए खर्चा आ रहा है उसके पास इतनी जमापंूजी नहीं है कि वह मां का इलाज करा सकें। इसके लिए उसने जिला शिक्षा विभाग को जीपीएफ निकालने के लिए अप्रैल 2022 में आवदेन किया था लेकिन 90 प्रतिशत निकालने के लिए विभागीय अधिकारियों ने मना कर दिया। इसके बाद उसने दोबारा आवदेन कर 75 प्रतिशत निकालने का निवेदन किया है परंतु आज तक उसकी फाइल में साइन नहीं किए गए हैं। सहायक शिक्षक का कहना है कि जन्म देने वाली मां का इलाज नहीं कर पाना सबसे बड़ा दुर्भाग्य है और ऐसी नौकरी में धिक्कार है।

मां का दर्द देखा नहीं जाता है, थक गया हूं
सहायक शिक्षक सिराज ने सरकारी सिस्टम से खुद को थका मानकर कहा कि मां दर्द से तड़प रही है, उनका दर्द देखा नहीं जाता है। शिक्षक का कहना है कि अगर उसे जीपीएफ मिल जाएगा तो वह एक बेटे होने का फर्ज अदा कर पाएगा।

खर्चा देने पर ही फाइलों पर साइन होते हैं
सहायक शिक्षक का कहना है कि जीपीएफ प्रकरण लंबित होना कोई नहीं बात नहीं है। बहुत से प्रकरण लंबित है लेकिन उन प्रकरणों की फाइलों में साइन होता है जो अधिकारियों को खर्चा देते हैं।

जीपीएफ की राशि क्या मतलब
सहायक शिक्षक सिराज का कहना है कि शिक्षक जीपीएफ राशि इसलिए जोड़ता है कि उसे बुरे वक्त में इस्तेमाल कर सके। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कारण वह इस राशि का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है।

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