वित्त विभाग के पास पहुंची FPO की जांच: फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के साथ मांगी शेयर होल्डरों की विस्तृत जानकारी

जबलपुर यश भारत। जिले में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग उपार्जन को लेकर जिन दो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों को कम दिया गया है उसकी जांच कलेक्टर जबलपुर द्वारा गठित पांच सदस्य टीम द्वारा की जा रही थी। रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है वही यश भारत को मिली जानकारी के अनुसार टीम ने फार्म प्रोड्यूसर कंपनियां के डायरेक्टर से आवश्यक दस्तावेज मांगे हुए थे जिसके बाद उन्होंने अपनी एक रिपोर्ट तैयार की थी, लेकिन उस रिपोर्ट में कंपनी के शेयर धारकों और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई थी ।जिसके बाद यह पूरा मामला कलेक्ट्रेट स्थित विभाग को भेज दिया गया है।
शेयर धारकों की मांगी है जानकारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वित्त विभाग द्वारा इस पूरे मामले में जांच शुरू कर दी गई है। उनसे धारकों की जानकारी मांगी गई है, नियम अनुसार कंपनी के निर्माण के लिए 300 किसान होने चाहिए ऐसे में वित्त विभाग द्वारा पूछा गया है कि आप अपने 300 किसनो की सूची और उनके शेयरों की विस्तृत जानकारी प्रदान करें । साथ ही उन्हें कितने यूनिट कितने रुपए के हिसाब से अलॉट किए गए थे और जो नए सदस्य जोड़े गए हैं उनका अंश भार कितना है यह भी पूछा गया है।
ट्रांजैक्शन की हो रही जांच
सूत्रों की माने तो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों द्वारा जो कैश लिमिट और ट्रांजैक्शन बताए गए हैं उनके विषय में भी अधिकारियों द्वारा दस्तावेज मांगे गए हैं। अधिकारी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि जो फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन बताए गए हैं वह अकाउंट स्टेटमेंट से मैच हो रहे हैं या नहीं । इस पूरे मामले में अब वित्तीय अनियमितताओं की जांच हो रही है क्योंकि कंपनी को काम देने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित वित्तीय मापदंड बनाये गए हैं, और एफपीओ द्वारा जो दस्तावेज दिए गए हैं वह कितने सही है यह वित्त विभाग की जांच के बाद सामने आएगा।