दीपावली में 14 नाखून के कछुआ, उल्लू तस्करों को दबोचने लगी रही ं टीम हाथ कुछ नहीं लगा
जबलपुर यश भारत। दीपावली पर उल्लू और कछुआ के संभावित तस्करों को पकडऩे वन विभाग की टीम लगी रही लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा।दीपावली पर उल्लू और कछुआ को लेकर लोगों के अंधविश्वास का फायदा कुछ तस्कर उठाते हैं और इनको बिक्री करते हैं। वन प्रभाग के जंगलों में उल्लुओं की तस्करी रोकने की कवायद शुरू की गई। वन विभागों में रेंज के स्टाफ को गश्त तेज करने व उल्लुओं की मौजूदगी वाली जगह में निगरानी रखने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए बाकायदा करीब एक दर्जन से अधिक टीम सक्रिय थी। लेकिन मुखबिर तंत्र अलर्ट ना होने की वजह से एक भी कार्रवाई नहीं हो सकी। दीपावली पर कुछ लोग अंधविश्वास के चलते उल्लू को लेकर कई तरह के अनुष्ठान कर अपने हित साधने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा कई लोग उल्लु को पकड़कर दीपावली के दिन मां लक्ष्मी के साथ उसकी पूजा भी करते हैं। क्योंकि उल्लु मां लक्ष्मी का वाहन माना जाता। ऐसे में बाजार में उल्लुओं की मांग बढ़ती है। जिससे जंगल में तस्करी का खतरा बढ़ जाता है। यह हाल तब है जब उल्लुओं के शिकार पर कानूनी पाबंदी है।सूत्रों की माने तो दीपावली पर्व पर 14 नाखून के कछुआ की हर वर्ष डिमांड बढ़ जाती है तंत्र साधना कर कछुआ को सिद्ध करने के बाद जमीन के अंदर सोना मिलने का साधन मानते हुए लाखों रुपए में कछुए बिकते हैं। तस्करों को दबोचने टीम लगातार ग्रस्त करती रही लेकिन कोई सुराग ना मिलने के चलते वन विभाग एक भी कार्रवाई नहीं कर सका।
इन्होंने कहा…
दीपावली के पांच दिन पर्व को लेकर वन विभाग की सभी टीम अलर्ट रही जो वन क्षेत्र के आसपास लगातार उल्लू की निगरानी करती रही साथ ही कछुए की तस्करी को लेकर भी टीम अलर्ट रही लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका।
अपूर्व शर्मा रेंजर
जबलपुर वन विभाग