1942 में एल्गिन को दिये थे 9 चिकित्सक, आज मात्र हैं 3
132 बेड से शुरू हुई थी एल्गिन-संभाग के सबसे बड़ी लेडी अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान

जबलपुर
सरकार हो या फिर अधिकारी सभी मध्यप्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बता रहे हैं हो सकता है कि इन सभी के दावे कागजों में पूरी तरह से ठीक हो। लेकिन हकीकत में तो संभाग का सबसे रानीदुर्गावती एल्गिन अस्पताल इनके दावों की पोल खोल रहा है। यशभारत ने अपनी पड़ताल पर पता किया है कि आजादी के पहले जब अस्पताल की नींव रखी गई 1942 में एल्गिन अस्पताल में डॉक्टरों के 9 पद स्वीकृत थे जो आज भी है परंतु डॉक्टर 3 ही इलाज कर रहे हैं। मतलब साफ है कि पद स्वीकृत है परंतु डॉक्टरों की कमी आज भी बनी हुई है। सवालिया निशान इस बात पर है कि 82 साल बाद भी संभाग के सबसे बड़े अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था नहीं सुधरी । इस तरफ क्यों जनप्रतिनिधि और अफसरों का ध्यान नहीं गया, क्यों चिकित्सा के जानकारों ने डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए कोई पहल नहीं की।
जवाबदारी तय पर कोई आगे नहीं आया
एल्गिन अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पटरी से उतर आई है, इसके लिए जवाबदारी तय पर व्यवस्थाओं को सुधारने में कोई आगे नहीं आया। सरकारी अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था बेहतर होने का हमेशा दावा तो किया परंतु उस दावे में कितनी सच्चाई थी यह पता करने की कोशिश नहीं की। आज भी एल्गिन अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधार दिया जाए तो महिलाओं का एक वर्ग काफी राहत महसूस करेगा।
1942 में १३२ बेड , कागजों में इतने ही अस्पताल में २२२ बेड संचालित
जांच पड़ताल में एक बात सामने आई है कि 1942 में रानीदुर्गावती एल्गिन अस्पताल महिला मरीजों के लिए १३२ बेड थे। 82 साल पहले रोजाना 10 डिलेवरी हुआ करती थी आज 30 से 35 डिलेवरी हो रही है जिसमें 10 डिलेवरी ऑपरेशन से हो रही है। सबसे खास बात ये है कि अस्पताल की स्थापना के बाद १३२ बेड थे आज भी कागजों में इतने पलंग हैं परंतु २२२ पलंग अस्पताल में उपलब्ध है।
आज 300 से 350 मरीज आ रहे हैं पहले 50 मरीज आते थे
अस्पताल स्थापना से लेकर अब तक का फर्क देखा जाए तो डॉक्टरों की कमी आज भी बनी हुई है। परंतु मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। अस्पताल स्थापना के समय रोजाना 50 मरीज आते थे परंतु आज 300 से 500 मरीज पहुंच रहे हैं। सबसे ध्यान देने वाली बात ये है कि अस्पताल में आज भी 5 पद लैब टेक्निशन के पद खाली है। जबकि ब्ल्ड बैंक सहित अन्य लैब की सुविधाएं एल्गिन में शुरू हो चुकी हैं।
गरीब- मध्यम परिवार की महिलाएं इलाज कराने पहुंचती हैं
एल्गिन अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था बेहतर हो या न हो लेकिन यहां सबसे ज्यादा गरीब और मध्यम परिवार की महिलाएं इलाज के भर्ती होती है। भर्ती होने के बाद महिला मरीजों को क्या व्यवस्थाएं मिल रही है इसका अंदाजा वही लगा सकती है।