यशभारत खबर का असर: कैंसर मरीज से अमानवीय व्यवहार से हम शर्मिंदा, दोबारा ऐसा न हो बनेगी ऐसी व्यवस्था
मेडिकल डीन ने एमआरआई सेंटर की व्यवस्था सुधारने दिखाई सख्ती, अस्पताल में भर्ती मरीजों को निर्धारित समय पर ही एमआरआई सेंटर में बुलाया जाएगा
जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के एमआरआई सेंटर में कैंसर मरीज के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार मामले को डीन डाॅक्टर गीता गुईन ने गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही एक आदेश जारी किया है जिसमें एमआरआई सेंटर को निर्देशित किया गया है कि वह मरीजों को उस वक्त ही बुलाए जो उनका टाइम दिया गया। बेवजह 8 से 10 घंटे बुलाकर मरीजों को परेशान न किया जाए।
मालूम हो कि यशभारत ने पिछले अंक में मेडिकल अस्पताल में कैंसर मरीज के साथ अमानवीय व्यवहार शीर्षक खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। खबर के माध्यम से यशभारत ने सरकारी अस्पतालों में चल रही भर्राशाही और मनमानी की पोल खोली थी। खबर में संज्ञान लेते हुए मेडिकल अस्पताल एवम कॉलेज डीन ने तत्परता से पूरे प्रकरण को समझा और यह माना कि संबंधित कैंसर मरीज के साथ जांच के नाम पर परेशान किया गया है। इधर एमआरआई सेंटर में चल रही मनमानी की खबर जब सेंटर के जिम्मेदार अधिकारियों तक पहुंची तो उन्होंने भी व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कहा।
मेडीकल के निश्चेतना विशेषज्ञ ही लगाएंगे एनेस्थीसिया इंजेक्शन
डीन डाॅक्टर गीता गुईन ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत मेडिकल अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को एनेस्थीसिया इंजेक्शन अस्पताल या फिर एमआरआई सेंटर में मेडिकल अस्पताल के डाॅक्टर ही लगाएं ऐसी व्यवस्था की जाएगी। डीन ने माना है कि कैंसर मरीज से एनेस्थीसिया इंजेक्शन लगाने के लिए 1600 रूपए एमआरआई सेंटर के डाॅक्टर द्वारा लिए गए थे, यह गलत है ये काम मेडिकल अस्पताल डाॅक्टरों का था और अब ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है कि मरीज को एनेस्थीसिया इंजेक्शन अस्पताल में लगेगा या फिर मेडिकल अस्पताल के डाॅक्टर एमआरआई सेंटर में आकर इंजेक्शन लगाएंगे। सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे।
मरीजों के लिए हमेशा तत्पर हूं,,,
मेडिकल डीन गीता गुईन का कहना है कि संभवतः पहला मौका है जब किसी मरीज को इस तरह से परेशान होना पड़ा परंतु अब विश्वास दिलाती हूं कि मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। एमआरआई सेंटर से लेकर अस्पताल तक में ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी जिससे मरीज और उनके परिजनों को कभी परेशान न होना पड़ें। और मैं मरीजों अच्छे इलाज के लिए हमेशा तत्पर हूं।