Holika Dahan 2024: मप्र के ग्रामीण क्षेत्र के इस जिले में आज भी चलती है होलिका दहन के बाद सूतक लगने वाली परंपरा
हमारे प्रेरणा स्रोत आशीष शुक्ला,
Holika Dahan 2024: मप्र के ग्रामीण क्षेत्र के इस जिले में आज भी चलती है होलिका दहन के बाद सूतक लगने वाली परंपरा ढीमरखेड़ा तहसील के सुदूर वनांचल आदिवासी ग्राम दियागढ़ में होली पर आज भी होलिका जलने के बाद सूतक लगने की परंपरा को बनाये रखता है। यह परंपरा ग्रामीणों को अपने पूर्वजों से चलते आ गयी है। जिसका पालन आज भी डेढ़ सौ आबादी वाले घरों में उसी उल्लास से किया जाता है। जिस तरह की होली पूर्वज मनाते आ रहे हैं।
इस गांव में लोग होलिका दहन का कार्यक्रम निर्धारित समय में पुरुष करते हैं। साथ ही धुलेंडी की सुबह महिलाएं घर में साफ सफाई व आंगन की लिपाई करती हैं। साथ ही घरों से पुराना झाडू व मटका भी निकाल लाती हैं। झाडू और मटके को गांव के बाहर फेंकते हुए महिलाएं तालाब में स्नान करके घर जाती हैं। इसके बाद ही ग्रामीण एक दूसरे को रंग लगाते हुए होली खेलते हैं।
कई ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी होलिका दहन के बाद सूतक लगने वाली परंपरा को बनाये रखा है। इन्होंने कहा कि होलिका, प्रहलाद के साथ जीवित अवस्था में बैठी थी। यही एक कारण है कि लोग होलिका दहन के बाद सूतक मनाते आ रहे हैं।