संकट में हिमाचल की सुक्खू सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया इस्तीफा

शिमला, एजेंसी। राज्यसभा चुनाव के मतदान में क्रॉस वोटिंग के बाद हिमाचल की सुक्खू सरकार खतरे में है। बीजेपी जहां लगातार सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रही है, इधर बुधवार की सुबह सुक्खू सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। विधानसभा परिसर में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने इसका एलान किया। कहा कि जनता के प्रति मेरी जावाबदेही है, एक साल के घटनाक्रम में विधायकों की अनदेखी हुई। आवाज दबाई गई। शिलान्यास मामले में मेरे विभाग के अफसरों को नोटिस दिए गए। वह वीरभद्र सिंह के कदमों पर चल रहे हैं। प्रियंका गांधी, खरगे को दो दिन के घटनाक्रम की जानकारी दे दी है और अब हाईकमान को फैसला लेना है।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में जाने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा विधायक दल के साथ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बुधवार सुबह राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिले और सदन में बजट के लिए मत विभाजन की मांग की। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल से मिलकर हमने मौजूदा घटनाक्रम की जानकारी दी। इस सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। भाजपा विधायक दल ने राज्यपाल को एक पत्र सौंप गए कई मुद्दे उठाए गए। पत्र में आरोप लगाया कि मंगलवार को विपक्ष की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं पर लाए गए कटौती प्रस्ताव के दौरान स्पीकर और सरकार का व्यवहार भेदभावपूर्ण रहा। स्पीकर ने डिवीजन ऑफ वोट से इन्कार किया। स्वास्थ्य मंत्री के जवाब के दौरान ध्वनिमत से मांग संख्या 9 को पारित किया गया। इस संबंध में सदन में उठाए गए हाथ नहीं गिने गए। स्पीकर ने जान-बूझकर सदन को अगले दिन के लिए स्थगित किया।
इसके बाद जब नेता प्रतिपक्ष और अन्य भाजपा विधायक स्पीकर से मिलने गए तो उन्होंने चैंबर का दरवाजा बंद कर दिया। भाजपा विधायकों के साथ मार्शल, सुरक्षाकर्मियों ने धक्कामुक्की की और उन्हें चोटें आईं। भाजपा विधायक दल ने पत्र के जरिये बजट को पारित करते वक्तवोट ऑफ डिवीजन की मांग रखी और इस संबंध में स्पीकर को उचित निर्देश जारी करने को कहा। उधर, भाजपा विधायकों के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सुबह 9ः30 बजे राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से भेंट की।