लेवर इंस्पेक्टर के स्थानांतरण आदेश पर हाईकोर्ट की रोक: श्रम मंत्रालय 40 दिन में निराकरण करें
जबलपुर, यशभारत। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में दायर याचिका गरिमा सूर्यवंशी विरुद्ध शासन में माननीय जस्टिस एमएम भट्टी ने स्थानांतरण आदेश रोक लगाते हुए आवेदिका को अपने पूर्व संस्था में कार्य करने की अनुमति प्रदान का आदेश पारित किया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी ने बताया कि याचिकाकर्ता लेवर स्पेक्टर के पद पर जबलपुर में कार्यरत है। याचिकाकर्ता का स्थानांतरण दिनांक 4-10 -2022 को जबलपुर से सिवनी हो गया, जिसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने एक अभ्यावेदन विभाग को प्रस्तुत किया था पर विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की जिसके विरुद्ध याचिकाकर्ता ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की थी।
याचिका में प्रमुख रूप से यह कहा गया कि याचिकाकर्ता का स्थानांतरण नियम विरुद्ध तरीके से किया गया है याचिकाकर्ता की पुत्री सीबीएससी स्कूल जबलपुर में अध्ययनरत है एवं याचिकाकर्ता और उसके पति के बीच में 13 वी हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण विचाराधीन है तथा आवेदक के पिता वृद्ध हैं ऐसी स्थिति में आवेदक का स्थानांतरण निरस्त किया जाए।
माननीय न्यायालय ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए अन आवेदक क्रमांक 2 उप सचिव श्रम मंत्रालय को यह आदेशित किया है कि याचिकाकर्ता के द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन का निराकरण 40 दिन के अंदर करें एवं उक्त अवधि में याचिकाकर्ता अपने पुराने कार्यस्थल जबलपुर में कार्य करती रहेगी ऐसा आदेश पारित किया है। एवं याचिकाकर्ता के द्वारा प्रस्तुत किए गए अभ्यावेदन का नियम अनुसार निराकरण करने का आदेश पारित किया है अभ्यावेदन के निराकरण तक याचिकाकर्ता अपनी पूर्व संस्था में कार्य करती रहेंगी याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी सौरव सोनी ने पैरवी की।