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सीएम के ऑन स्पाट निलंबन आदेश पर हाईकोर्ट की रोक:कार्यवाही की जद में आए CMHO के निलंबन पर रोक, राज्य सरकार को नोटिस

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नायक अवतार पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए उनके द्वारा दिए गए ऑन द स्पॉट निलंबन के आदेश को खारिज कर दिया है, हाईकोर्ट के आदेश के बाद से राज्य सरकार में हड़कंप मच गया है। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दोनों जहां भी सभा में जाते थे उस दौरान वह वहां पर जनता से मिली शिकायत के बाद अधिकारियों को निलंबन कर रहे थे, और इसी निलंबन की जद में बीते दिनों छिंदवाड़ा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जीसी चौरसिया फस गए थे, जिन्होंने की अपने निलंबन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

जबलपुर हाईकोर्ट ने छिंदवाड़ा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जीसी चौरसिया को राहत देते हुए उनके सस्पेंशन पर रोक लगा दी है, इसके अलावा हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार सहित अन्य को नोटिस भी जारी किया है। 9 दिसंबर को जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जन सेवा अभियान कार्यक्रम में शामिल होने के लिए छिंदवाड़ा गए थे इस दौरान उन्होंने मंच से ही सीएमएचओ को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे, जबकि इससे पहले 23 सितंबर को भी उन्होंने डॉ. जीसी चौरसिया को सस्पेंड किया था, निलंबित हुए cmho को इससे पहले भी हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी थी।

जबलपुर हाईकोर्ट में अपने निलंबन को लेकर डॉ. जीएस चौरसिया ने याचिका दायर की थी और बताया था कि उन्हें दो बार सस्पेंड किया जा चुका है, जबकि उनके खिलाफ किसी भी तरह की जांच नहीं हुई थी, इसके अलावा सीनियरिटी होने के बावजूद भी उनके जूनियर अधिकारियों को cmho का प्रभार दिया गया था। हाईकोर्ट ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद छिंदवाड़ा जिले के सीएमएचओ को बड़ी राहत दी है।

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पहली बार रामाकोना में छीना था प्रभार

बात 23 सितंबर की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तब रामाकोना में जनसेवा कार्यक्रम में पहुंचे थे। तब उन्होंने मंच पर ही CMHO चौरसिया को बुलाया था। उनसे पूछा था- आयुष्मान कार्ड बनाने में देरी क्यों हो रही है? कितने हितग्राहियों को आयुष्मान योजना का लाभ मिल पाया? इसका जवाब CMHO नहीं दे पाए थे। इस लापरवाही पर CM ने तत्काल उन्हें CMHO के प्रभार से हटा दिया था। इसके बाद उन्हें रेडियोलॉजिस्ट के पद पर छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में नियुक्त किया गया था, लेकिन चौरसिया हाईकोर्ट पहुंच गए थे, जहां से उन्हें स्टे मिल गया था। इसके बाद उन्होंने दोबारा अपना पद संभाल लिया था।

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