HIGH COURT NEWS- शिक्षकों के वेतन को लेकर हाईकोर्ट सख्त: आदिवासी विभाग की सचिव हाजिर न हो तो गिरफ्तारी वारंट जारी करो
जबलपुर, यशभारत। अनुदान प्राप्त शिक्षकों के वेतन मामले में हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। म. प्र. उच्च न्यायलय के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी ने पल्लवी जैन सचिव आदिवासी विकास भोपाल को 07 अगस्त को उच्च न्यायलय के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है ।
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न्यायलय ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि अगर उपरोक्त अधिकारी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित न हुई तो उनके विरुद्ध गिरफ़्तारी वारंट जारी किया जायेगा।अमृत रूपराह ने याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी की । ज्ञात हो कि इसी प्रकरण में 17 जुलाई को भी इसी प्रकार का आदेश किया था जिसमें तात्कालिक सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शहडोल रंजित सिंह धुर्वे को 27 जुलाई को उपस्थित होने का आदेश दिया गया परन्तु न ही वे उपस्थित हुए न ही उच्च न्यायलय के एक आदेश का क्रियान्वयन किया गया। उच्च न्यायलय की आदेशिकाओं के निरिक्षण से पता चलता है कि सबसे पहले 12.09.2022 को प्रकरण के प्राधिकृत अधिकारी को उपस्थित होने का आदेश दिया गया था बशर्ते वह न्यायलय के आदेश की परिपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
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वह रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयी तो 26.09.2022 को श्रीमती वंदना वैद्य कलेक्टर शहडोल को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया गया।
इससे पहले भी अधिकारी उपस्थित नहीं हुए
अगली पेशी में पुन: कोई जवाब नहीं आया और न्यायलय के आदेश की परिपालन रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की गयी और अधिकारी भी न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुए तो पुन: समय दिया गया अथवा सहायक आयुक्त रंजित धुर्वे को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया गया । इसी प्रकार 14.11.2022, 29.11.2022 और 17.07.2022 के आदेश पारित हुए परन्तु न ही कलेक्टर शहडोल, न ही सहायक आयुक्त शहडोल उपस्थित हुए अत: 27.07.2023 को उच्च न्यायलय को उपरोक्त आदेश जारी करना पड़ा जिसमे सीधे आदिवासी कल्याण के सचिव की हाजिरी आदेशित की गयी है।
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ये है मामला
ज्ञात हो कि उच्च न्यायलय के जिस आदेश के क्रियान्वयन के लिए यह अवमानना याचिका दायर की गयी है वह आदेश 05.02.2007 को याचिका पारित किया गया था । जिसमे अनुदान प्राप्त शिक्षकों के वेतन के भुगतान का आदेश पारित किया गया था । इस आदेश को म.प्र. शासन ने चुनौती दी जो अपील 21.01.2013 को ख़ारिज हो गयी। इसके विरुद्ध सर्वोच्य न्यायलय में म.प्र. सरकार द्वारा दोबारा अपील प्रस्तुत की गयी जो खारिज हो गयी। इसके बाद भी उच्च न्यायलय के आदेश दिनांक 05.02.2007 के आदेश का सम्पूर्ण परिपालन नहीं किया गया और संस्था विष्णु आदर्श शिशु शिक्षा समिति शहडोल के शिक्षकों के वेतन के लिए अनुदान आवंटित नहीं किया गया। प्रकरण की अगली पेशी 07 अगस्त को है ।