पार्टी में ‘विभीषणों’ पर हाईकमान की टेढ़ी नजर,बन रही है लिस्ट
जबलपुर यश भारत।
पार्टी में विभीषण का रोल अदा कर रहे लोगों पर पार्टी हाईकमान की टेढ़ी नजर है। वह ऐसे लोगों को चिन्हित कर रही है और उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। पार्टी हाईकमान ने जिलाध्यक्ष को इस बात पर विशेष ध्यान देने को कहा है क्योंकि आगामी चुनाव में पार्टी किसी भी तरह का समझौता नहीं करना चाहती है। इसके साथ ही महाकोशल मेें दोनों ही पाटियों के वरिष्ठों ने कमान संभाल ली है। वरिष्ठजन अपने तरीके से भांप रहे है कि कहां पार्टी की स्थिति मजबूत है और कहां कमजोर है। जीत, हार वाली सीटों से लेकर कहां प्रत्याशी की स्थिति ठीक नहीं है इसकी जानकारी भी जुटाई गई है। इसके अलावा जिन असंतुष्टों और भितरघातियों की वजह से पार्टी को नुकसान हो सकता है उनकी लिस्ट भी तैयारी की गई ताकि उन पर लगाम लगाई जा सके। पूरी रिपोर्ट तैयारी होने के बाद पार्टी हाईकमान तक पहुंचेगी।
भाजपा को भितरघातियों का डर सता रहा है। टिकट वितरण को लेकर भाजपा में जमकर घमासान मचा। डैमेज कंट्रोल करने 28 नवम्बर को खुद केंद्रीय गृह सहकारिता मंत्री अमित शाह को शहर आना पड़ा था। महाकोशल की 38 सीटों पर विजय का मंत्र फूंक के साथ उन्होंने डैमेज कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाई। सबसे अधिक बवाल उत्तर मध्य की टिकट कोलेकर मचा रहा। जिसके चलते भाजपा को डर सता रहा है कि प्रत्याशी के पीछे असंतुष्ट खेल बिगाडऩे का काम कर सकते है
भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों की जीत और हार का गणित आप, बसपा, सपा, एआईएमआईएम जैसी पार्टियां केवल वोट काटने और चुनावी गणित का खेल बिगाडऩे का काम करेगी। जबलपुर में इन पार्टियों का कोई बड़ा आधार नहीं है जो विस चुनाव में जीत दर्ज करा पाए। विदित हो कि बसपा ने सात, आप ने चार और सपा ने दो, एआईएमआईएम ने एक प्रत्याशी को चुनावी मैदान मेें उतारा है।