जबलपुर।
साल 1985 तक गांजे पर किसी भी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं थी, लेकिन 1985 में राजीव गांधी की सरकार NDPS (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) एक्ट लाई और इसके तहत गांजे को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया.गांजा (Cannabis या marijuana), एक मादक पदार्थ है जो गांजे के पौधे से भिन्न-भिन्न विधियों से बनाया जाता है। इसका उपयोग मनोसक्रिय मादक (psychoactive drug) के रूप में किया जाता है। दुनिया का सबसे बेहतरीन ( Best ) गांजा मलाना हिल्स हिमाचल में ऊगता है।मारिजुआना, हशीश, कैनाबिस या गांजा, किसी भी से पुकारें, नशा करने वाले इसके लिए बड़ा दाम देते भी नहीं कतराते. इसी कड़ी में शहर में भी गांजे को लेकर युवाओं का एक वर्ग बर्बादी की कगार पर है परंतु शहर की पुलिस द्वारा गांजा तस्करों पर नकेल कसने की कोशिश की गई है।एक आंकड़े के अनुसार बीते दो वर्षों में जिले में पांच सौ किलो से अधिक गाजा हर साल पकड़ा गया। इस साल अब तक सवा चार सौ किलो की जब्तीबताई गई है। इसी तरह डोडा चूरा की भी अच्छी खासी मात्रा पकड़ी जा चुकी है। अलग-अलग रूट से हर साल साढ़े आठ सौ ग्राम से अधिक स्मैक की खेप जब्त की गई।
शहर में भी उड़ता पंजाब!!!!
जबलपुर का युवा भी तेजी से नशे के मेट्रो कल्चर की गिरफ्त में आया है। पब, जिम, क्लब, कॉलेज कैंटीन से लेकर हुक्का लाउंज की महफिलें सजने लगी हैं। नशे के सुरूर में डूबे युवाओं का बड़ा तबका धुएं के छल्ले उड़ाने में चूर नजर आता है। हैरानी की बात है कि तमाम दावों के बावजूद जिम्मेदार नशे का नेटवर्क नहीं तोड़ पा रहे। युवाओं को इसकी गिरफ्त से बचाने की कोई कोशिश भी नहीं दिख रही। मादक पदार्थों की तस्करी धड़ल्ले से बढ़ी है। यहां हुक्का लाउंज संचालन पर रोक का आदेश बेअसर है। जबलपुर ही नहीं अंचल के कस्बों शहरों में भी नस्ल खराब करने वाला नशा तेजी से पैर पसार रहा है
मालामाल हो गये गांजे के तस्कर
सूत्रों के अनुसार एक किलो गांजे की कीमत 20 से ₹25000 है ।ओडिशा में गांजे की कीमत काफी कम है, जबकि दूसरे राज्य में गांजे की कीमत ओड़िसा से कई गुना अधिक है. जानकारी के मुताबिक ओड़िसा में पांच सौ से हजार रूपये किलो के भाव से गांजा मिलते है. जो कि शहर आकर बीस से पच्चीस किलो तक बिकता है ।
पिछले 6महिनों में पुलिस कार्रवाई के आंकड़े!!
पुलिस कार्रवाई के आंकड़ों पर गौर करें, तो जबलपुर में पिछले 6महिनों में एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट के तहत मादक पदार्थों की तस्करी और इस्तेमाल पर 20 से अधिक मामले दर्ज किए गए। जाहिर है ये वे हैं, जो मुखबिर की सूचना पर पकड़ लिए जाते हैं। बड़ी संख्या में चोरी-छिपे तस्करी के गिरोह तो पकड़े ही नहीं जाते। जबलपुर में इस साल अब तक गांजा के 20प्रकरणों पर कार्रवाई की गई जिसमें कि 26आरोपियों पर अभी तक मामले दर्ज हैं कुल मिलाकर जनवरी से म ई तक 237 किग्रा गांजा जब्त किया गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह क्षेत्र मादक पदार्थों की तस्करी का हॉटस्पॉट बन गया है। वहीं दूसरी तरफ 222 ग्राम स्मैक की कार्यवाही हुई है
ओडिसा से सुकमा और महासमुंद के रास्ते कवर्धा से पहुंच रहा गांजा
उड़ीसा से सुकमा और महासमुंद के रास्ता गांजा की खेप कवर्धा पहुंच रहा है। नशे के सौदागरों का नेटवर्क इतना बड़ा हो चुका है कि पहले बैग में छिपाकर गांजा सप्लाई करते थे, अब कार व ट्रकों तक में गांजा भेजा जाने लगा है। बीते दो साल में कबीरधाम पुलिस ने गांजा के 52 मामलों पर कार्रवाई की है। इन मामलों के अध्ययन से पता चला है कि उड़ीसा से छग के सुकमा, जगदलपुर, महासमुंद और रायपुर के रास्ते गांजा कवर्धा पहुंच रहा है।
पकड़े गए मामलों में यह बात भी सामने आई है कि के मलकानगिरी, गंजाम, कोरापुट औरझारसुगड़ा क्षेत्र से गांजा यहां पहुंचता है। कवर्धा के रास्ते भेजे जाने मध्यप्रदेश के जिला जबलपुर तक पहुंचता है।
बाईट -तस्कर
शहर में गांजे को लेकर प्रमुख कार्यवाही
शहर में पिछले दिनों गांजे को लेकर प्रमुख रूप से बड़ी कामयाबी जबलपुर पुलिस को हासिल हुई थी जिसमें माढ़ोताल और बरगी थाना अंतर्गत गांजे को लेकर बड़ी कार्यवाही की गई-
बरगी थाना रहा शहर में कार्यवाही में अव्वल
एक आंकड़े के अनुसार पिछले वर्ष सबसे ज्यादा गांजा पकड़ने की कार्यवाही में बरगी अव्वल रहा। क्रमशः 615 किग्रा,187 किग्रा और 100 किग्रा की कार्यवाही बरगी थाना अंतर्गत की गई थी जो कि आंकड़े के अनुसार जिले में सबसे ज्यादा थी।इस दौरान तत्कालीन थाना प्रभारी रीतेश पांडे ने बताया कि गांजे की खेप उड़ीसा से हरियाणा जा रहे एक ट्रक को जप्त किया था, गांजे के तस्कर मुरमुरा की बोरी के पीछे गाँजा को छुपा कर रखे थे, मुखबिर की सूचना पर जबलपुर पुलिस ने बरगी से ट्रक को जप्त किया था, पुलिस ने ट्रक चला रहे राजेंद्र यादव और कंडक्टर राघवेंद्र पांडे को भी गिरफ्तार किया था।, तस्कर इतने शातिर थे पुलिस को गुमराह करने के लिए उन्होंने मुरमुरा की करीब 200 बोरियों के पीछे 30 गांजे की बोरी छिपाकर रखी हुई थी।आईजी उमेश जोगा को मुखबिर से सूचना मिलने के बाद उन्होंने बरगी पुलिस को अलर्ट किया और जब सिवनी तरफ से ट्रक जबलपुर आ रहा था उसी दौरान रोककर ट्रक की चेकिंग की तो उसमें करीब 600 किलो गांजा मिला।बरगी थाना पुलिस ने दोनों ही आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक्स एक्ट के तहत कार्यवाही की है पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास 4 मोबाइल और करीब 4000रु नकद भी बरामद किए हैं. वहीं बरगी पुलिस ने तीन आरोपियों को 30 लाख के गांजा के साथ गिरफ्तार किया था। एक महिला समेत दो आरोपियों को 187 किलो 100 ग्राम गांजा के साथ गिरफ्तार कर एक्सयूवी कार को जब्त कर लिया था। थाना प्रभारी बरगी रितेश पाण्डे बताते हैं कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि मेहरून कलर की महिन्द्रा एक्सयूव्ही 500 कार क्रमांक एचआर 70 डी 4097 में सिवनी तरफ से आ रही है, जिसमे भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ गंजा लाया जा रहा है। इसके अलावा 100किग्रा की भी कार्यवाही प्रमुख थी।
बाईट -रीतेश पांडे
उड़ीसा से आने वाली 187 किग्रा गाजे की खेप जा रही थी पंजाब
माढ़ोताल पुलिस थाना अंतर्गत कार्यवाही को याद करते हुए डीएसपी तुषार सिंह बताते हैं कि उड़ीसा से आने वाली 187 किग्रा गाजे की खेप पंजाब की ओर जा रही थी
जबलपुर में कीटनाशक की बोरियों की बीच तस्कर लाखों की गांजा छिपाकर ले जा रहे थे. पुलिस अधिकारियों ने टीमें भेजकर चेंकिग की तो 37 लाख रुपए की कीमत का 185 किलो गांजा बरामद किया. ट्रक ड्राइवर ने बताया कि वह गांजे की खेप उड़ीसा से लेकर आया था और पंजाब लेकर जा रहा था। वहीं पिछले दिनों गोरखपुर थाना अंतर्गतपुलिस ने तिलवारा नया गांव के पास से दो शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है जिनके पास से करीब 27 लाख 20 हजार रुपए का 136 किलो गांजा जप्त किया गया है।
चूल्हा-चौका छोड़ नशा बांट रहीं महिला तस्कर
पुलिस से बचने के लिए तस्कर नए-नए तरीके अपना रहे हैं। तस्कर अब महिलाओं को अपना हथियार बना रहे हैं। नशा तस्करी में अब महिलाएं भी सक्रिय हो गई हैं। शहर में चरस, गांजा, स्मैक, एमडी और अन्य मादक पदार्थ तस्कर महिलाओं को आगे रख कर काला कारोबार कर रहे हैं। पिछले चार साल की बात करें तो मादक पदार्थ तस्करी में 261 महिलाएं पकड़ी जा चुकी हैं। पुलिस की गिरफ्त में आई महिलाओं ने बताया कि पुड़िया में कम मात्रा होती है और पैसा भी इसका ज्यादा मिलता है। अधिकतर महिलाएं पुड़ियां बनाकर छात्रों और मजदूरों को सप्लाई करती हैं। जमानत पर छूटने के बाद महिलाएं फिर से इस धंधे में लिप्त हो जाती हैं।
महिला पुलिस बाईट प्रियंका शुक्ला
खपाया जाता है गांजा-डोडा और चूरा-
जबलपुर में बड़ी मात्रा में गांजा, स्मैक और डोडा चूरा खपाया जाता है। बीते दो वर्षों में जिले में पांच सौ किलो से अधिक गाजा हर साल पकड़ा गया। इस साल अब तक सवा चार सौ किलो की जब्तीबताई गई है। इसी तरह डोडा चूरा की भी अच्छी खासी मात्रा पकड़ी जा चुकी है। अलग-अलग रूट से हर साल साढ़े आठ सौ ग्राम से अधिक स्मैक की खेप जब्त की गई।
शरीर में ऐसे असर करता है गांजा!!
गांजे का सेवन करने के बाद हमारे दिमाग में कई तरह की असामान्य गतिविधियां होने लगती हैं. कैनेबिस के पौधे में लगभग 150 तरह के कैनेबिनॉइड्स (Cannabinoids) पाए जाते हैं. जिनमें से दो केमिकल्स THC और CBD दिमाग पर सबसे ज्यादा असर डालते हैं.जब कोई गांजा स्मोक करता है तो गांजे में पाए जाने वाले दो केमिकल्स (THE और CBD) अलग-अलग काम करते हैं. THC नशे को बढ़ाने का काम करता है तो वहीं, CBD उसके असर को कम करता है. दरअसल, CBD लोगों की घबराहट को कम करने में काफी मदद करता है. लेकिन, जब गांजे में THC की मात्रा CBD की मात्रा से ज्यादा होती है तो यह दिमाग की कार्यप्रणाली को बाधित करने का काम करती है,गांजा स्मोक करने पर THC खून के साथ हमारे दिमाग तक पहुंच जाता है और उसमें गड़बड़ करने लगता है. हमारा दिमाग अपना सारा काम न्यूरोन्स की मदद से करता है, लेकिन गांजा पनि के बाद न्यूरोन्स कंट्रोल से बाहर हो जाते हैं.
मनोचिकित्सक बाईट
गांजा पीने के नुकसान
लंबे समय से गाजा पीने वालों में एंजायटी, शिजोफ्रेनिया, डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर, इनसोमेनिया आदि मानसिक रोगों के लक्षण दिखने लगते हैं और लगातार धुंआ लेने के कारण उनको फेफड़ों की बीमारियां हो जाती हैं उसको खांसी और कफ हमेशा बना रहता है। गांजे के कारण पागल होने वाले लोगों की संख्या बहुत बड़ी है इसलिए हमें अपने बच्चों पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है इसको पीने वाले की आंखेअधिकतर लाल रहने लगती हैं और उसके कपड़ों में से जले दुआ की अजीब सी बदबू आने लगती है, उसका नींद का पैटर्न बदल जाता है वह गलत टाइम पर सोने लगता है और गलत टाइम पर जागने लगता है कुछ मामलों में वह पूजा-पाठअधिक करने लगता है। जब बच्चा तया तया गाँजा पीना शुरू करता है तो शुरू में उसकी भूख अप्राकृतिक रूप से बढ़ जाती है उसका खाने पीने का पैटर्न बदल जाता है उसको
किसी भी समय भूख लगने लगती है और उसे मीठा खाने की इच्छा ज्यादा होती है।
आईजी के स्पेशल तंत्र में पकड़वाये पौने दो करोड़ का गांजा
यूं तो शहर में विभिन्न अधिकारियों द्वारा गाजे की कार्रवाई की गई है परंतु आईजी द्वारा गांजे के तस्करों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आईजी द्वारा एक स्पेशल सायबर टीम को गठित किया गया जिसने अलग-अलग जिलों में मुखबिर तंत्र बनाकर जिले के पुलिस अधीक्षकों के सहयोग से सितंबर 2021 से जून 2023 तक 19 अपराध दर्ज किए जिसमें कि 39 आरोपी गिरफतार किये गये। और 995 किलो गांजा पकड़ा जब्त किया जिसकी कीमत 1,75,03000 रुपए की थी।