नचिकेता महाविद्यालय में मकर संक्रांति का भव्य आयोजन
मेले का उद्घाटन जबलपुर संसदीय क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद आशीष दुबे ने दीप प्रज्वलित किया के लोकप्रिय सांसद आशीष दुबे ने दीप प्रज्वलित किया

नचिकेता महाविद्यालय में मकर संक्रांति का भव्य आयोजन
जबलपुर, यश भारत। नचिकेता महाविद्यालय में मकर संक्रांति के अवसर पर भारतीय संस्कृति और परंपरा को जीवंत करने वाला एक भव्य मेला आयोजित किया गया। इस आयोजन ने पारंपरिक व्यंजनों, लोकनृत्य, संगीत, रंगोली और पतंगबाजी के माध्यम से भारतीय लोक संस्कृति की शानदार झलक प्रस्तुत की।
कार्यक्रम का शुभारंभ
मेले का उद्घाटन जबलपुर संसदीय क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद आशीष दुबे ने दीप प्रज्वलित उन्होंने नचिकेता महाविद्यालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा, “इस प्रकार के आयोजन न केवल हमारी परंपरा को सहेजते हैं, बल्कि विद्यार्थियों को लोक संस्कृति और साहित्य से जोड़ते हैं।”
विशिष्ट अतिथि उत्तर मध्य विधानसभा के विधायक डॉ. अभिलाष पांडे ने अपने संबोधन में मकर संक्रांति को भारतीय संस्कृति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, यह पर्व प्रकृति और मानव के समन्वय नचिकेता महाविद्यालय में मकर संक्रांति का भव्य आयोजन
नचिकेता महाविद्यालय में मकर संक्रांति के अवसर पर भारतीय संस्कृति और परंपरा को जीवंत करने वाला एक भव्य मेला आयोजित किया गया। इस आयोजन ने पारंपरिक व्यंजनों, लोकनृत्य, संगीत, रंगोली और पतंगबाजी के माध्यम से भारतीय लोक संस्कृति की शानदार झलक प्रस्तुत की।मेले का उद्घाटन जबलपुर संसदीय क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद श्री आशीष दुबे ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने नचिकेता महाविद्यालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा, “इस प्रकार के आयोजन न केवल हमारी परंपरा को सहेजते हैं, बल्कि विद्यार्थियों को लोक संस्कृति और साहित्य से जोड़ते हैं।
विशिष्ट अतिथि उत्तर मध्य विधानसभा के विधायक डॉ. अभिलाष पांडे ने अपने संबोधन में मकर संक्रांति को भारतीय संस्कृति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “यह पर्व प्रकृति और मानव के समन्वय का संदेश देता है। ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण साधन हैं।”
मुख्य आकर्षण का केंद्र बने
कार्यक्रम में महाराजा अग्रसेन वार्ड के पार्षद श्री कमलेश अग्रवाल सारस्वत ने भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत आयोजित इस मेले की उपयोगिता और आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता नचिकेता ग्रुप ऑफ एजुकेशन के संचालक श्री हर्ष माई पटेल ने की। मेले में विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाए गए, जिनमें पारंपरिक व्यंजन, हस्तनिर्मित सामग्री और परिधान प्रदर्शित किए गए। पतंगबाजी, रंगोली, लोकनृत्य और लोकसंगीत प्रतियोगिताओं ने उत्सव को और भी रंगीन बना दिया। विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस आयोजन का कुशल निर्देशन एवं प्रबंधन कला विभाग की प्रमुख और नोडल अधिकारी, भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ, श्रीमती स्नेहलता दुबे ने किया। मंच संचालन अजय शुक्ल ने किया, और कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. महेश कोष्टा, श्री संजय तिवारी, श्रीमती रीवा दुबे और अन्य प्राध्यापकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
उत्साहपूर्ण भागीदारी
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पी.आर. बंदा ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के समापन पर श्री आर.एस. चंदेल ने आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक और बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सहभागिता की।
नचिकेता महाविद्यालय का यह प्रयास न केवल एक सांस्कृतिक मेला था, बल्कि यह विद्यार्थियों और दर्शकों के लिए भारतीय परंपरा और मूल्यों को सहेजने और समझने का अनूठा अवसर भी साबित हुआ। ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण साधन हैं।
कार्यक्रम में महाराजा अग्रसेन वार्ड के पार्षद श्री कमलेश अग्रवाल सारस्वत ने भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत आयोजित इस मेले की उपयोगिता और आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता नचिकेता ग्रुप ऑफ एजुकेशन के संचालक श्री हर्ष माई पटेल ने की। मेले में विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाए गए, जिनमें पारंपरिक व्यंजन, हस्तनिर्मित सामग्री और परिधान प्रदर्शित किए गए। पतंगबाजी, रंगोली, लोकनृत्य और लोकसंगीत प्रतियोगिताओं ने उत्सव को और भी रंगीन बना दिया। विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
आयोजन का प्रबंधन
इस आयोजन का कुशल निर्देशन एवं प्रबंधन कला विभाग की प्रमुख और नोडल अधिकारी, भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ, श्रीमती स्नेहलता दुबे ने किया। मंच संचालन अजय शुक्ल ने किया, और कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. महेश कोष्टा, श्री संजय तिवारी, श्रीमती रीवा दुबे और अन्य प्राध्यापकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पी.आर. बंदा ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के समापन पर श्री आर.एस. चंदेल ने आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक और बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सहभागिता की।
नचिकेता महाविद्यालय का यह प्रयास न केवल एक सांस्कृतिक मेला था, बल्कि यह विद्यार्थियों और दर्शकों के लिए भारतीय परंपरा और मूल्यों को सहेजने और समझने का अनूठा अवसर भी साबित हुआ।