जबलपुरमध्य प्रदेश

जबलपुर ISBT में बसों के ड्राइवर-कंडक्टरों ने दी हड़ताल की चेतावनी, नए मोटरयान एक्ट का कर रहे विरोध

जबलपुर, यशभारत। केंद्र सरकार द्वारा मोटरयान अधिनियम में किया गया संशोधन ट्रक और भारी वाहनों के चालकों की नींद उड़ा रहा है। रविवार को जबलपुर के दीनदयाल आईएसबीटी में बस चालकों और परिचालकों ने आमसभा कर सरकार के इस कानून के खिलाफ हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया। जिसके चलते पूरे राज्य और अन्य राज्यों तक दौड़ने वाली बसों के पहिए जाम कर दिए गए। दरअसल नए कानून में सड़क दुर्घटना में दोषी पाए जाने पर चालकों और परिचालकों को 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान रखा है, जो चालकों-परिचालकों को नागवार गुजर रहा है।

क्या घर-बार बेचकर चुकाएंगे जुर्माना
बस और भारी वाहनों के चालकों का कहना था कि सरकार को क्या लगता है कि हम बस और ट्रक चलाकर क्या लाखों रुपए कमा लेते हैं। जो नया कानून लाकर सजा 10 साल की कर दी गई और 7 लाख तक का जुर्माना भी लगाने का प्रावधान जोड़ा गया है। ट्रक-बस चालकों ने इस कानून को उन्हें प्रताड़ित करने के लिए बनाए जाने का आरोप सरकार पर लगाया है। चालकों के संगठन ने साफ कर दिया गया है कि सरकार इस विधेयक को वापस नहीं लेती तो वे अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जाएंगे।

हड़ताल हुई तो कितना होगा असर
जानकार बता रहे हैं कि यदि भारी वाहनों के चालकों ने हड़ताल शुरु कर दी तो इससे जनजीवन पर काफी असर पड़ सकता है। शहपुरा में पेट्रोलियम डिपो में टैंकर चालकों ने पहले ही हड़ताल शुरु कर दी है, वहीं यदि बस और ट्रक चालक हड़ताल शुरु कर देते हैं तो रोजमर्रा की चीजों की किल्लत के साथ-साथ फ्यूल की भी किल्लत होना शुरु हो सकती है। सरकार का इरादा इस कानून को लेकर टस से मस न होने का है, ऐसे में यदि भारी वाहन, बस, ट्रक, टैंकर के चालक यदि अपनी चेतावनी के अनुरुप लंबी हड़ताल पर चले गए तो आने वाले दिन आम लोगों के लिए कठिनाई भरे हो सकते हैं।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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