रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में विदेशों पर निर्भरता खत्म करनी होगीः ब्रजेश वशिष्ठ
नौसेना के रियर एडमिरल ने ओएफके, जीसीएफ महाप्रबंधक से किया मंथन

जबलपुर , यशभारत। गत दिवस गन कैरिज फैक्ट्री और आयुध फैक्ट्री खमरिया की आधिकारिक यात्रा पर, आए भारतीय नौसेना के महानिदेशक, नौसेना आयुध निरीक्षण रियर एडमिरल ब्रिजेश वशिष्ठ ने आयुध निर्माणी कारखानों के महाप्रबंधक राजीव गुप्ता और एम एन हालदार के साथ मंथन किया।नौसेना आयुध निरीक्षणालय द्वारा जारी अधिकारिक जानकारी के अनुसार बैठक का प्रयोजन स्वदेशी उत्पादों के उत्पादन में तेजी लाना और विदेशों से आयात पर निर्भरता कम करना था।
मालूम हो कि रियर एडमिरल ब्रिजेश वशिष्ठ ने पिछले कुछ समय से स्वदेशीकरण और रक्षा उपकरणों के गुणवत्तापूर्ण उत्पादन की दिशा में किए गए नौसेना के तकनीकी अधिकारियों एवं आयुध निर्माणी के संयुक्त प्रयासों के लिए किए गए कार्यों एवं तालमेल की भी सराहना की, जबकि वरिष्ठ अधिकारियों से आयुध क्षेत्र में उभरती चुनौतियों पर प्रभावी ढंग से काबू पाने के लिए भविष्य की क्षमता, विकास पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। रियर एडमिरल ने कुछ देशों के बीच चल रहे संघर्षों का जिक्र भी किया और कहा कि हमें आयुध एवं शस्त्रों के क्षेत्र में विदेशों पर निर्भरता खत्म करके रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की दिशा में निरन्तर महत्वपूर्ण प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंनें कहा कि भारतीय नौसेना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य में अपने प्रयासों के पहल में आगे सबसे आगे रहेगी एवं नौसेना आयुध के स्वदेशीकरण के क्षेत्र में निरन्तर बढ़ने का प्रयास जारी रखेगी।
महानिदेशक की यात्रा का उद्देश्य घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के और भारतीय नौसेना की प्रतिबध्दता के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने,नये रोजगार के अवसर और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करने पर केन्द्रित रहा। रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने से आयात निर्भरता कम होगी और साथ साथ वैश्विक मंच पर भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। महानिदेशक ने आयुध निरीक्षणालय के सैन्य अधिकारियों, तकनीकी अधिकारियों एवं कर्मियों को गुणवत्तापूर्ण आयुध और गोला बारूद निरन्तर प्रदान करने के निर्देश दिये। विशिष्ट कार्य हेतु महानिदेशक ने पुरस्कार भी प्रदान किये गये।