जबलपुर में राज्य शिक्षक संघ का प्रदर्शन: एक देश दो विधान,नही चलेगा नहीं चलेगा
सैकड़ों की संख्या में पुरानी पेंशन के लिए दिया विशाल धरना अब 9 अक्टूबर को भोपाल में सड़के भरेंगे
जबलपुर, यशभारत। जब देश एक है एक संविधान है तो दो विधान क्यों?शपथ लेने मात्र से विधायक सांसद जिंदगी भर पेंशन पाने के हकदार हो जाते है पर तीस तीस वषज़् की लंबी सेवा करने के बाद शिक्षक का जिंदगी जीना तक दूभर हो जाता है।पेंशन,वरिष्ठता संबंधी नारे लगाते हुए शिक्षकों ने रविवार को सिविक सेंटर पाकज़् में गगनभेदी नारे लगाते हुए विशाल धरना प्रदशज़्न किया।धरने के बाद शिक्षकों ने रैली निकाल प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रशासन को सौंपा।
कांग्रेस आई तो देंगे पेंशन:- राज्य शिक्षक संघ के धरने में विधायक विनय सक्सेना भी आए और उन्होंने घोषणा की कि नई पेंशन नीति कमज़्चारी हित मे नही है उनकी सरकार बनी तो प्रदेश के कमज़्चारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाएगा।अधिवक्ता संघ से सत्येंद्र ज्योतिषी ने भी धरने में आकर शिक्षकों की मांग का समथज़्न किया।उन्होंने घोषणा की कि यदि सरकार आंदोलित शिक्षकों पर कायज़्वाही करती है तो वे नि:शुल्क न्यायालयीन केस लड़ेंगे।
1119 रु में जीकर दिखाएँ मुख्यमंत्री
धरने को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष नरेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि मझौली के शिक्षक द्वारका परौहा को 20 वषज़् 6 माह की शिक्षक की नोकरी करने के बाद मात्र 1119 रु प्रतिमाह पेंशन मिल रही है।मुख्यमंत्री शिवराज जी एक माह इतने रु में एक माह जीकर दिखाएँ।जिलाध्यक्ष ने आगे कहा कि मीसा बंदियों को 25 हजार रु प्रतिमाह पेंशन देने वाली शिवराज सरकार 30-30 वषज़् तक देश के नॉनिहाली को शिक्षित कर देश की मुख्य धारा में जोडऩे वाले शिक्षकों की अनदेखी कर रही है।
राज्य शिक्षक संघ के आह्वान पर जिले के समस्त ब्लाकों के सैकड़ो की संख्या में पहुँचे शिक्षकों ने दिनभर जमकर विरोध प्रदशज़्न किया।पुरानी पेंशन सहित नियुक्ति दिनाँक से वरीयता, क्रमोन्नति, पदोन्नति, अनुकंपा नियुक्ति और नवनियुक्त शिक्षकों को प्रारंभ से पूणज़् वेतन और दो वषीज़्य परिवीक्षा सहित अनेक मांगों पर शिवराज सरकार के ढुलमुल रवैये की शिक्षकों ने निंदा की।संघ ने चेतावनी दी कि वे हजारों की संख्या में 9 अक्टूबर को भोपाल में धरना प्रदशज़्न करेंगे।
जिला स्तरीय धरने में संघ के प्रांतीय सदस्य नरेन्द्र खम्परिया, जिलाध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी, रमेश झारिया, मनमोहन राय,यूसूफ खान निशा पाठक,धमज़्शीला दुबे,अजय खरे,सतीश गगज़्,सुधा उपाध्याय,विभा मिश्रा,रामकुमार कुशवाहा,अपणाज़् शुक्ला,चंद्रप्रकाश चौहान,राजकुमार साहू,अजय खरे,रवि प्रकाश दुबे अखिलेश दाहिया,विष्णु पटेल,प्रमिला सराठे, प्रतीक्षा चंद्रवंशी,नीरा कोरा,शीतल पटेल,आसमा बी अंसारी,रेखा दाहिया, लक्षमण पटेल,रहमान खान,वीरेन्द्र झारिया,सुशीला झारिया,राजेन्द्र झारिया,मनीष पटेल,मनमोहन राय, बिहारी साहू सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित रहे।