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उड़ी हमले के बाद फैसला:पानी को तरसेेगा पाकिस्तान

बैसाखी से पहले बंद होगा रावी नदी का पानी, लाहौर तक बहता है दरिया

जम्मू, एजेंसी। वर्ष 2025 की बैसाखी तक पाकिस्तान को व्यर्थ बहने वाला रावी दरिया का पानी पूरी तरह से नियंत्रित हो जाएगा। इसके साथ ही देश की महत्वकांक्षीय परियोजनाओं में एक शाहपुर कंडी बांध परियोजना से अगले खरीफ सीजन में जम्मू-कश्मीर के कठुआ और सांबा जिले के खेतों को सिंचाई के लिए पानी मिलना शुरू हो जाएगा।बांध प्रबंधन के अनुसार आगामी सप्ताह से शाहपुर कंडी बांध के जलाशय को भरने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इसके पहले चरण में गेट आदि की जांच भी शामिल है। सब सही रहा तो बैसाखी तक बांध का जलाशय भरने का काम पूरा हो जाएगा। ऐसे में जम्मू-कश्मीर के कंडी का एक बड़ा इलाका सिंचाई के पानी से अब वंचित नहीं रहेगा। शाहपुर कंडी बांध प्रबंधन के अनुसार अगले सप्ताह के भीतर शाहपुर कंडी बांध के जलाशय को भरने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इससे जम्मू-कश्मीर समेत, यूबीडीसीएल और पंजाब की नहरों को जाने वाला रावी दरिया का पानी नियंत्रित हो जाएगा।
791 हेक्टेयर में फैली इस झील को भरने में तीन से चार महीने का समय लगेगा। रंजीत सागर बांध का अधिकतम जलस्तर जहां 527 मीटर निर्धारित है, वहीं शाहपुर कंडी बांध परियोजना के बांध का अधिकतम जलस्तर 404.50 मीटर है। इससे पहले रंजीत सागर झील से आने वाले रावी दरिया के पानी को नियंत्रित कर भंडारण की व्यवस्था नहीं थी। यह पानी सीधा पंजाब की नहरों और पाकिस्तान की ओर निकल जाता था। रंजीत सागर बांध से सर्दियों के इस मौसम में बिजली उत्पादन के बाद निकलने वाले पानी को अब जलाशय में रोकने का काम होगा।
उधर, इस प्रक्रिया से पहले सायफन और जम्मू-कश्मीर की नहर को जोडऩे का काम भी पूरा कर लिया गया है। नोरा पुल का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। ऐसे में यह परियोजना जम्मू-कश्मीर के दो बड़े जिलों के लिए वरदान साबित होने जा रही है। इन दोनों जिलों में 32 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई रावी दरिया के पानी से नियमित हो सकेगी। पानी को लेकर किसी भी तरह के मतभेद को खत्म करने के लिए इसे अब स्कॉडा सिस्टम से नियंत्रित किया गया है। वहीं पंजाब को मिलने वाली 206 मेगावॉट बिजली के लिए पंजाब सरकार की ओर से तैयार किए जा रहे पॉवर हाउस का काम दिसंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है।

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