CRIME : पुलिस थाने में जब फरियादी ने अपने आप पर पेट्रोल उड़ेलकर लगाई आग ….मचा हड़कंप

ग्वालियरl,ग्वालियर थाना में मंगलवार देर रात जमकर हंगामा हुआ है। अमानत में खयानत के एक फरियादी ने थाना में खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने का प्रयास किया है। समय रहते फरियादी के परिजन व पुलिस ने उसे रोक लिया। जिसके बाद थाने में जमकर मारपीट हुई है। फरियादी का कहना है कि मैंने सूचना दी उसके बाद भी पुलिस कार को जब्त नहीं कर रही है। सुबह जनसुनवाई में गए थे तो थाने भेजा गया। हमें देखते ही टीआई ग्वालियर का कहना था परेशान कर रहा है । इसके बाद मैंने पेट्रोल उड़ेल ली। इसके बाद टीआई व अन्य पुलिस कर्मियों ने मुझे व मेरे भाई, पत्नी व बेटी तक को पीटा है।
दतिया बडौनी निवासी विवेक कुमार दुबे और पंकज दुबे से किसी मनीष यादव नाम के युवक ने उनकी कार ली थी, लेकिन अब वह कार लौटा नहीं रहा है। इस पर ग्वालियर थान में कार को लेकर नहीं देने पर धारा 406 अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया गया था।
काफी दिन होने के बाद भी पुलिस न तो आरोपी को पकड़ रही है न ही कार को जब्त करने की कार्रवाई कर रही है। इस मामले की जांच ग्वालियर थाना में प्रधान आरक्षक जनकसिंह कर रहे हैं। फरियादी का कहना है कि दो दिन पहले उसने कार पकड़ ली थी और जब्त कराने जांचकर्ता दीवान जनकसिंह को फोन किया तो उन्होंने एक बार कॉल रिसीव करने के बाद बंद कर लिया। इससे उनको लगा कि वह आरोपी से मिल गए हैं। इसी के चलते मंगलवार सुबह फरियादी ने एसपी ऑफिस पहुंचकर जनसुनवाई मं शिकायत की। जहां सीएसपी ग्वालियर ने उनको शाम को टीआई ग्वालियर जितेन्द्र सिंह से मिलने के लिए कहा। शाम को फरियादी अपने परिवार के साथ पहुंचा। टीआई के चेंबर में पहुंचते ही हंगामा हुआ विवेक का कहना है कि जब वह थाने पहुंचा तो टीआई साहब अंदर बैठे थे। जिस पर पहले उन्होंने विवेचक दीवान जनकसिंह से मुलाकात की।
जनकसिंह ने साफ तौर पर आरोपी को पकड़ने से मना कर दिया। जब मैं टीआई के पास पहुंचा तो उन्होंने मुझे देखते ही कहा कि तू ने बहुत परेशान कर दिया है। मर क्यों नहीं जाता। यह सुनते ही मेरा दिमाग खराब हो गया। गाड़ी से पेट्रोल निकालकर खुद पर उड़ेल लिया। इसी समय मेरे भाई ने मुझे बचाया। पर पुलिस वालों ने बेरहमी से पीटा। मेरे भाई के गुप्तांग पर किसी पुलिसकर्मी से लात मारी जिससे वह गंभीर घायल है। मेरी बेटी व पत्नी पर पुलिस ने हाथ उठाया। विवेक ने मांग की है कि हमें पीटने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।