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कोर्ट का आदेशः अभिभावक 50 प्रतिशत फीस पहले जमा करें 10 प्रतिशत फीस वृद्वि के साथ जमा करनी फीस, एक माह बाद 50 प्रतिशत राशि और देना होगी

जबलपुर, यशभारत। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने अभिभावकों व छात्रों के हक में आंशिक राहतकारी आदेश पारित किया। व्यवस्था दी कि अभिभावक 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ कुल फीस का 50 जमा करें। इस शर्त का पालन किए जाने पर बच्चों को परीक्षा में शामिल करने की अनुमति दे दी गई। अभिभावकों को शेष फीस अगले माह जमा करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी। मप्र अभिभावक संघ ने जबलपुर के विभिन्न निजी स्कूलों द्वारा दायर की गई अपील के अंतर्गत गुरुवार को हस्तक्षेप आवेदन दायर किया था। संघ की ओर से अधिवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने दलील दी कि फीस जमा न करने के कारण कुछ निजी स्कूल बच्चों को परीक्षा में शामिल होने से वंचित कर रहे हैं। कलेक्टर ने लगभग 32 स्कूलों को 265 करोड़ वापस करने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद स्कूल संचालक अधिक फीस वसूल रहे हैं। कोर्ट ने कुछ अभिभावकों से भी सवाल-जवाब किए।
मालूम हो कि 13 अगस्त 2024 को हाई कोर्ट ने जिला समिति के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत निजी स्कूलों को फीस रिफंड करने कहा था और समिति द्वारा फीस निर्धारित की गई थी। क्राइस्ट चर्च, सेंट अलायसियस, ज्ञान गंगा, स्टेमफील्ड व स्कूलों की ओर से अपील दायर की गई थी। अपीलार्थियों की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने दलील दी कि जिला समिति ने इस आधार पर उक्त आदेश जारी किया था कि स्कूलों ने आनलाइन पोर्टल पर फीस वृद्धि की जानकारी अपलोड नहीं की थी। जिला समिति ने वर्ष 2017 18 से 2024-25 के शैक्षणिक सत्र में बढ़ाई फीस वापस करने के आदेश जारी किए थे। कमेटी ने वर्तमान सत्र की फीस भी निर्धारित की थी। कमेटी ने फीस वृद्धि का गलत आकलन किया था।

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