
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मोहन यादव (Mohan Yadav) सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) से जुड़े धारा 144 के एक मामले को लेकर अहम टिप्पणी की है. इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि धारा 144 लागू रहने के दौरान संबंधित जिले में केवल उपस्थित रहने पर उसके उल्लंघन का अपराध नहीं बनता है. कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है और इसे जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती. इस मत के साथ जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ दर्ज एफआईआर और विशेष अदालत में लंबित कार्रवाई को निरस्त कर दिया.
बता दें इस मामले में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की ओर से अधिवक्ता अंकित सक्सेना ने हाई कोर्ट में पक्ष रखा था. उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान अलीराजपुर कलेक्टर ने जिले में धारा 144 लागू की थी. इसके तहत किसी भी बाहरी व्यक्ति को अलीराजपुर में आकर चुनाव प्रचार करने पर रोक थी. इस दौरान गोविंद सिंह राजपूत कुछ अन्य लोगों के साथ जिले के जोबट क्षेत्र में घूम रहे थे. एक वाट्सअप वीडियो के आधार पर गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ जोबट पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई. इसके बाद पुलिस ने इंदौर की विशेष कोर्ट (एमपी-एमएलए) में चालान पेश कर दिया था.
गोविंद सिंह राजपूत के वकील ने दी ये दलील
अधिवक्ता अंकित सक्सेना ने हाई कोर्ट में दलील दी कि याचिकाकर्ता वहां केवल मौजूद थे. उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे कानून व्यवस्था का उल्लंघन हुआ हो या कोई आपराधिक मामला बनता हो. वहीं शासन की ओर से दलील दी गई कि याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराध बनता है. इस मामले में जांच पूरी हो गई है और चार्जशीट पेश कर दी गई है. सुनवाई के बाद जस्टिस संजय द्विवेदी ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की याचिका स्वीकार करते हुए एफआईआर और निचली अदालत की कार्रवाई निरस्त कर दी.