बीना विधायक निर्मला सप्रे को 19 दिसंबर को हाईकोर्ट में बताना पड़ेगा कि वे किस पार्टी के साथ
यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/ जिले के बीना विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्मला सप्रे को अब 19 दिसंबर को कोर्ट को बताना पड़ेगा कि वे किस पार्टी के साथ हैं। इस संबंध में हाईकोर्ट ने विधायक निर्मला सप्रे व विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को नोटिस जारी कर 19 दिसंबर को कोर्ट में जवाब देने को कहा है।
कांग्रेस से निर्वाचित हुई बीना विधायक निर्मला सप्रे की विधायकी निरस्त करने की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका प्रस्तुत की थी। याचिका पर हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने आज सुनवाई की। नेता प्रतिपक्ष की ओर से लगाई गई रिट पिटीशन पर हाईकोर्ट ने मप्र विधानसभा के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर और बीना विधायक निर्मला सप्रे को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई के लिए 19 दिसंबर की तारीख तय की है।
ग़ौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाईकोर्ट में पेश याचिका में कहा है कि बीना से विधायक सप्रे ने कांग्रेस की सदस्यता त्याग कर भाजपा का दामन थाम लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी तथा भाजपा के कार्यक्रम में भी शामिल हुई थी। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा में अपने साथ बैठने नहीं दिया था। निर्मला सप्रे की विधानसभा से सदस्यता निरस्त करने के लिए कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस की याचिका पर कोई फैसला नहीं दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र अगले दिनों में शुरू होने वाला है। इसके पहले कांग्रेस निर्मला सप्रे की सदस्यता रद्द करने के लिए जुट गई है। कांग्रेस ने कोर्ट से कहा है कि अगर कोई विधायक दल बदलता है तो उसकी सदस्यता निरस्त होती है। निर्मला सप्रे पर दलबदल कानून की अनुसूची 10 के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।