नगर निगम में सलाहकारों की नियुक्ति पर बड़ा सवालः करोड़ों के भुगतान में गड़बड़ी का आरोप

जबलपुर, यशभारत। जबलपुर नगर निगम में 15वें वित्त आयोग के तहत प्राप्त करोड़ों रुपये की राशि के उपयोग में भारी अनियमितताओं का आरोप लगा है. विपक्षी पार्षदों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में वायु गुणवत्ता सुधार और संबंधित परियोजनाओं के लिए नियुक्त तकनीकी विशेषज्ञों व सलाहकारों को किए गए भुगतान में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है.
नगर निगम नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा, उप नेता प्रतिपक्ष शुभुक्ता गुड्डू नवी, सचेतक अयोध्या तिवारी, पार्षद संतोष दुबे पांडा, सत्येंद्र चौबे गुड्डा, प्रमोद पटेल, हर्षित यादव गुड्डा तामसेतवर, और श्रीमती रितु राजेश यादव ने संयुक्त रूप से यह आरोप लगाया है। उनके अनुसार, जबलपुर नगर निगम को 2023-24 में 15वें वित्त आयोग के तहत शहर के विकास और वायु गुणवत्ता सुधार के लिए करोड़ों की राशि मिली थी. नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत वायु गुणवत्ता सुधार और शहर में वायु गुणवत्ता की स्थिति का पता लगाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञ सलाहकार और एम.आई.एस. की नियुक्ति की गई. इन सलाहकारों को कटौती के बाद 1,77,94,838 रुपये का भुगतान किया गय। पार्षदों ने दावा किया है कि इन्हीं सलाहकारों की सलाह पर वायु गुणवत्ता की जानकारी के लिए तीन मॉनिटर लगाए गए थे, जिनकी कुल लागत 2,80,04,199 रुपये थी. विपक्ष का आरोप है कि नगर निगम ने सलाहकारों की नियुक्ति में भारी भ्रष्टाचार करते हुए कार्य का 65 प्रतिशत भुगतान केवल सलाहकारों को कर दिया है। विपक्षी पार्षदों ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है और सलाहकारों को किए गए भुगतान के साथ-साथ मॉनिटर की खरीद के विस्तृत भुगतान विवरण की जानकारी भी पत्र में संलग्न की है. इस बड़े कथित घोटाले का खुलासा होने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस पर केवल जांच बैठेगी या फिर न्यायोचित कार्रवाई भी की जाएगी.






