नेत्रहीन स्कूल में बड़ा हादसा टला:जर्जर भवन की छत का हिस्सा पलंग में गिरा

जबलपुर, यशभारत। अंधमूक बाईपास के पास स्थित शासकीय नेत्रहीन स्कूल की छत का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर गया, घटना उस समय की है जब बच्चे चंद मिनट पहले ही कमरे से बाहर निकले थे। घटना के बाद ब्लाइंड बच्चों में इस कदर दहशत आई कि सभी छात्र स्कूल से बाहर निकल आए, इधर घटना को स्कूल प्रबंधन दबाने में जुटा हुआ है। धनवंतरी नगर बाईपास के पास के नेत्रहीन स्कूल में करीब 100 से अधिक छात्र रहते है। छात्रों को कहना है कि सालों से इस तरह के जर्जर भवन में रहने को मजबूर है। कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की पर समाधान नहीं किया। अधिकारियों का कहना है कि जल्द से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा, पर आज तक कुछ नहीं हुआ। यही कारण है कि आज भी सैकड़ों नेत्रहीन छात्र जर्जर भवन में रहने को मजबूर है। जानकारी के मुताबिक मंगलवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे नेत्रहीन छात्र स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहे थे, इसी दौरान हॉस्टल की सेकंड फ्लोर के रूम नंबर 24 की छत का एक बड़ा हिस्सा नीचे पलंग के ऊपर जा गिरा। इस घटना के महज चंद मिनट पहले ही रूम में रह रहे 6 बच्चे स्कूल के लिए तैयार होने बाहर गए थे। तेज आवाज के साथ छत गिरने की आवाज जैसे ही छात्र और स्कूल प्रबंधन ने सुनी तो दौड़े-दौड़े कमरे में आए जहां पर कि दो पलंग में टूटी हुई छत का मलबा पड़ा हुआ था। इस घटना के बाद ब्लाइंड छात्रों में ना सिर्फ दहशत बनी हुई है बल्कि प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश भी है। एक छात्र ने बताया कि सालों से जर्जर भवन में यहां पर सैकड़ों छात्र रह रहे है। कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को बिल्डिंग की हालत भी दिखाई पर ध्यान नहीं दिया गया। इससे पहले भी हादसे हो चुके है, जिसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन को भी है। जिस सेकंड फ्लोर के रूम नंबर 24 की छत का मलबा पलंग में गिरा है। जानकारी के मुताबिक इस रूम में 6 छात्र रहते है। सुबह 11 बजे से स्कूल लगता है, जिसके लिए सभी छात्र तैयार हो रहे थे, कोई नहा रहा था, कोई पूजा कर रहा था और कोई पढ़ाई। जिस छात्र के पलंग में मलबा गिरा था, वह थोड़ी देर पहले ही पलंग से उठकर बाथरूम गया था कि जोर से आवाज आई, दौड़कर रूम में गए तो छत का एक बड़ा हिस्सा पलंग पर गिरा हुआ था। इस घटना के बाद से छात्रों में इस कदर दहशत बन गई है कि अब कोई भी बिल्डिंग के अंदर रहने को तैयार नहीं।