वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट
ब्रह्ममुहूर्त में गणेश और द्वार पूजा हुई, 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे
नई दिल्ली, एजेंसी। वैदिक मंत्रोच्चार और श्री बद्री विशाल लाल की जय के नारों के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले गए। इस समय 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद थे। इससे पहले ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर के बाहर गणेश पूजन हुआ। इसके बाद पुजारियों ने द्वार पूजा की। मंदिर का कपाट तीन चाबियों से खोला गया। कपाट खुलते ही पहले दर्शन अखंड ज्योति के हुए। यह 6 महीने से जल रही है। इसके बाद बद्रीनाथ पर चढ़ा हुआ घी से बना कंबल हटाया गया। जो 6 महीने पहले कपाट बंद होने के समय भगवान को ओढ़ाया जाता है। इस कंबल को प्रसाद रूप में बांटा जाएगा। मंदिर के कपाट पिछले साल 14 नवंबर को बंद हुए थे।
6 से 8 बजे तक बिना श्रंगार वाले दर्शन
चारधाम तीर्थ पुरोहित पंचायत के महासचिव डॉ. ब्रजेश सती ने बताया कि सुबह 6 से 8 बजे तक भगवान के बिना श्रंगार के दर्शन हुए। जिसे निर्वाण दर्शन कहते हैं। इसके बाद तकरीबन 8 बजे पहला जलाभिषेक हुआ और पहली पूजा प्रधानमंत्री के नाम से की गई। इसके बाद 9 बजे बालभोग लगा। दोपहर 12 बजे पूर्ण भोजन का भोग लगेगा। ये ही भोग ब्रह्मकपाल भेजा जाएगा। भोग पहुंचने के बाद ही वहां पहला पिंडदान होगा।