10 कैदियों ने दिखाया गजब का हुनर, मिट्टी-गोबर से बनाईं 250 गणेश प्रतिमाएं
केंद्रीय जेल जबलपुर परिसर के बाहर सजाया गया स्टॉल


शहरवासियों को खासी पसंद आ रहीं कैदियों के द्वारा बनाईं गईं मूर्तियां
जबलपुर,यशभारत। केंद्रीय जेल जबलपुर के 10 कैदियों द्वारा गोबर, तुलसी के बीज, प्राकृतिक रंग और मिट्टी से तैयार की हुईं 250 भगवान गणेश की प्रतिमाएं इन दिनों शहर में आकर्षण का केंद्र बनी हुईं हैं। जेल परिसर के बाहर एक स्टॉल लगाकर इन मूर्तियों का विक्रय किया जा रहा है जिन्हें शहरवासी खासा पसंद कर रहे हैं।
यशभारत की टीम जब केंद्रीय जेल जबलपुर पहुंची तो कैमरे में गणेश भगवान की शुद्ध मिट्टी से बनाई हुईं आकर्षक ईको फें्रडली प्रतिमाएं कैद कीं गईं। कैदियों ने यशभारत से कहा कि गणेश उत्सव में जेल के अंदर हर वर्ष उनके द्वारा आकर्षक गणेश प्रतिमाएं बनाईं जातीं हैं और फिर उन्हें विक्रय के लिए एक स्टॉल में सजाया जाता है।
दो माह से कर रहे थे कैदी मेहनत
इस संबंध में जेल के कैदी निशांत कोरी सहित अन्य कैदियों ने यशभारत को जानकारी देते हुए बताया कि उनकी 10 कैदियों की टीम है जो आकर्षक गणेश भगवान की प्रतिमाएं बनाने का कार्य पिछले दो माह से कर रहीं है। हर वर्ष गणेश उत्सव पर उनके द्वारा करीब 250 से 300 गणेश प्रतिमाएं उनके द्वारा तैयार की जाती हंैं। इस बार करीब 250 गणेश प्रतिमाएं उनके द्वारा तैयार की गईं हैं।
51 से 251 रुपए तक रखा है मूर्तियां का मूल्य
जानकारी के अनुसार प्राकृतिक रंग, गोबर, तुलसी के बीज, मिट्टी से तैयार कीं गईं गणेश भगवान की प्रतिमाओं की कीमत स्टॉल में 51 रुपए से 251 रुपए तक की रखी गई है। शहर के लोग जेल परिसर के बाहर बीते एक सप्ताह से लगे स्टॉल में पहुंचकर कैदियों के हाथों से बनीं मूर्तियों को खरीदकर पूजन-अर्चन के लिए अपने-अपने घर ले जा रहे हैं।
बंदी कल्याण कोष में जमा होते हैं बिक्री के रुपए
जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार कैदियों द्वारा जो गणेश भगवान की मूर्तियां बनाकर तैयार की गईं हैं उनकी बिक्री से आने वाले रुपयों को बंदी कल्याण कोष में जमा कराया जाता है। इस कोष से कैदियों को जेल प्रशासन द्वारा अन्य सुविधाएं मुहैया कराईं जातीं हैं।
–केंद्रीय जेल जबलपुर में 10 कैदियों द्वारा 250 गणेश भगवान की आकर्षक मूर्तियां तैयार की गईं हैं जिन्हें जेल परिसर के बाहर स्टॉल में सजाया गया है। अभी तक शहर के लोगों द्वारा कैदियों के हाथों से बनाई हुईं मूर्तियों को बहुत पसंद किया जा रहा है जिसका नजीता है कि करीब 70 प्रतिशत मूर्तियां बिक चुकी हैं।
–मदन कमलेश, उप जेल अधीक्षक, जबलपुर।