उड़ान भरते ही एयर इंडिया के विमान में तकनीकी खराबी, जयपुर में इमरजेंसी लैंडिंग

जयपुर: एयर इंडिया की एक फ्लाइट में उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद तकनीकी खराबी आने के कारण उसे जयपुर एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। यह विमान दिल्ली से मुंबई के लिए उड़ान भर रहा था। विमान में सवार सभी यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
उड़ान भरने के 18 मिनट बाद लौटा विमान
जानकारी के अनुसार, एयर इंडिया की फ्लाइट AI-612 ने जयपुर एयरपोर्ट से मुंबई के लिए दोपहर 1:58 बजे उड़ान भरी थी, जबकि इसका निर्धारित समय दोपहर 1:35 बजे था, यानी विमान 23 मिनट की देरी से रवाना हुआ था। उड़ान भरने के तुरंत बाद ही विमान में तकनीकी गड़बड़ी का पता चला। पायलट ने बिना किसी देरी के विमान को वापस लौटाने का फैसला किया और जयपुर एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) से इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी। इसके बाद, दोपहर 2:16 बजे विमान की सफलतापूर्वक इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। फिलहाल, विमान की तकनीकी जांच जारी है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस में भी सामने आई खराबी
यह अकेली घटना नहीं है। बुधवार देर रात दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी ऐसी ही एक घटना सामने आई। मुंबई जा रहे एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक विमान में उड़ान भरने से ठीक पहले पायलट ने कॉकपिट स्क्रीन में गड़बड़ी देखी, जिसके कारण विमान उड़ान नहीं भर सका।
विमानों में तकनीकी खराबी के बढ़ते मामले: सरकार के आंकड़े
केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल 21 जुलाई तक देश की पांच प्रमुख एयरलाइंस कंपनियों ने अपने विमानों में कुल 183 तकनीकी खामियों की पहचान की है और इसकी सूचना नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) को दी है।
इन आंकड़ों के मुताबिक:
- एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में कुल 85 तकनीकी खामियां दर्ज की गईं।
- इंडिगो में 62 खामियां सामने आईं।
- अकासा एयर ने 28 तकनीकी खामियों की सूचना दी।
- स्पाइसजेट में ऐसी आठ खामियां पाई गईं।
यह सभी आंकड़े 21 जुलाई, 2025 तक के हैं। वहीं, पिछले वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो:
- वर्ष 2024 में कुल 421 तकनीकी खामियां दर्ज की गई थीं, जो 2023 में रिपोर्ट की गई 448 खामियों से कम हैं।
- वर्ष 2022 में यह संख्या 528 थी।
इन तीन वर्षों के आंकड़ों में एलायंस एअर और पूर्ववर्ती विस्तारा के आंकड़े भी शामिल हैं। विमानों में लगातार सामने आ रही तकनीकी खराबी की ये घटनाएं यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रही हैं और एयरलाइंस कंपनियों को अपने रखरखाव और तकनीकी जांच प्रक्रियाओं को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देती हैं।







