Big Breking:आम आदमी को अब अरहर और उड़द की दाल खरीदने में नहीं होगी परेशानी,केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अरहर उड़द के दाल में होगी बड़ी कमी

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने तुवर और उड़द दाल के स्टाफ का पता लगाने के लिए सभी राज्य के सरकारों के साथ बैठक किया है. बैठक के दौरान विभाग की अपर सचिव निधि खरे ने कहा है कि जमाखोरी और सट्टेबाजी पर अब नियंत्रण लगाना होगा.
देश में तेजी से महंगाई बढ़ने लगी है जिसका सीधा असर आटा चावल के बाद अब दाल की कीमतों पर पड़ने लगा है और दाल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के साथ केंद्र सरकार की भी चिंता को बढ़ा दिया है. आम आदमी के थाली से और हर और तुवर की दाल गायब ना हो इसके लिए लगातार सरकार प्रयास कर रही है.
मोदी सरकार के द्वारा लगातार कोशिश किया जा रहा है कि महंगाई में बढ़ोतरी ना हो और इसके लिए हर तरह की संभव प्रयास किया जा रहा है. 2 जून को तुवर और उड़द दाल की स्टॉक सीमा पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 को लागू किया गया है और बुधवार को इस बैठक में खुदरा मूल्य विभिन्न स्टॉकहोल्डिंग संस्थाओं द्वारा बताए गए स्टॉक की मात्रा और तुवर और उड़द दाल के संबंध में सीडब्ल्यूसी और sw100 गोदामों के स्टॉक की समीक्षा की गई है.
इस बैठक के द्वारा आदेश दिया गया है कि जमाखोरी को रोकने का हर संभव प्रयास किया जाए इसके साथ ही साथ अगर कोई जमाखोरी करता है तो उसको रोकने का पूरा प्रयत्न किया जाए.
जमाखोरी और भ्रष्टाचार अगर रुक जाएंगे तो हर हाल में तुवर और उड़द के दाल की कीमतों में कमी आएगी. इसके साथ ही साथ आम जनता को भी काफी राहत मिलेगी.
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