
A strange case came to the medical hospital: जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के स्तन कैंसर थायरॉइड और एंडोक्राइन यूनिट, सर्जरी विभाग में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। एक 70 साल की महिला की पैर हड्डी बगैर चोट के टूट गई, महिला ने बहुत से डाॅक्टरोें से इलाज कराया परंतु उसकी पैर की हडडी नहीं जुड़ी। इसी बीच महिला को गले में तकलीफ हुई तो वह मेडिकल अस्पताल पहंुची जहां स्तन कैंसर थायरॉइड और एंडोक्राइन यूनिट के हैड डाॅक्टर संजय यादव की देखरेख में इलाज शुरू हुआ और जांचे हुई। इस दौरान पता चला कि वृद्व महिला के गले में जामुन नुमा ट्यूूमर है और जिसकी वजह से उसके शरीर में कैलिशयम ज्यादा बन रहा था और इसी चलते हडडियां खोखली हुई और बगैर चोट के वह टूट गई।

चावल के दाने के बराबर चार ग्रंथियां होतीं
इस संबंध में स्तन कैंसर थायरॉइड और एंडोक्राइन यूनिट के हैड डाॅक्टर संजय यादव ने बताया कि हमारे गले में ये चावल के दाने के बराबर चार ग्रंथियां होतीं हैं और शरीर में कैलशियम की मात्रा को नियंत्रित करती हैं। इस ग्रंथि का कोई भी ट्यूमर रक्त में कैल्शियम की वृद्धि का कारण बन सकता है। इससे हड्डियाँ खोखली हो जाती हैं। कैल्शियम हृदय, मस्तिष्क, अग्न्याशय में जमा हो सकता है जिससे जीवन के लिए खतरा पैदा हो सकता है। परंतु इससे घबराने की जरूरत नहीं है सर्जरी से इसे ठीक किया जा सकता है ।
छिंदवाड़ा से जबलपुर मेडिकल अस्पताल पहंुची बुजुर्ग महिला
जानकारी के अनुसार 70 साल की वृद्वा छिंदवाड़ा की रहने वाली है। तीन से चार पहले उसके एक पैर की हड्डी अचानक से टूट गई उसने स्थानीय स्तर पर काफी इलाज कराया। जबलपुर आकर आर्थों के डाॅक्टरों से भी इलाज कराया परंतु कई बीत जाने के बाद भी महिला को आराम नहीं लगा तो वह मेडिकल अस्पताल पहंुची जहां स्तन कैंसर थायरॉइड और एंडोक्राइन यूनिट में जांचे हुई तो गले में जामुन नुमा टयूमर पाया गया। जिसे डाॅक्टरों ने सर्जरी कर बाहर निकाला। महिला पूरी तरह से स्वस्थ्य है।