पैरोल पर जेल से छूटे एक दर्जन बंदियों की अब भी है तलाश

जबलपुर यश भारत। नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल में बंद कैदियों में से बारह बंदी ऐसे हैं जो पेरोल पर छूटने के बाद वापस जेल नहीं लौटे। जिनकी तलाश अब भी जारी है। जेल सूत्रों की माने तो कल 14 बंदी ऐसे थे जिन्हें पैरोल पर छोड़ा गया था इसमें से दो बंदी तो 2024 में पुलिस के हाथ लग गये लेकिन बारह बंदी अब भी फरार हैं। जिन्हें पुलिस तलाश कर रही है। इस संबंध में जब जेलर मदन कमलेश से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि बंदियों को पैरोल पर छोड़ने की एक प्रक्रिया है जिसके चलते सजा काटने वाले बंदियों को छोड़ा जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1996 से लेकर अभी तक ऐसे 14 बंदी रहे हैं जिन्हें पैरोल पर छोड़ने के बाद वे वापस नहीं लौटे इनमें से दो बंदी वर्ष 2024 में पुनः पकड़ में आ गए लेकिन बाकी बचे बारह बंदी आज की तारीख तक पकड़ में नहीं आए। जेलर श्री कमलेश की मांने तो पैरोल पर छोड़ा गया बंदी जब निर्धारित अवधि के बाद वापस नहीं लौटता तो इसकी शिकायत पुलिस में की जाती है और फिर पुलिस मुखबिर व दूसरी जानकारी के आधार पर फरार बंदियों को तलाश कर वापस जेल पहुंचा देती है। पैरोल पर छूटे बंदी कई बार दूसरी घटनाओं को अंजाम देते हैं और फरार हो जाते हैं। ऐसै बंदी कई बार न केवल अपना गांव शहर बल्कि प्रदेश तक छोड़ देते हैं जिसके कारण उन्हें पकड़ने में पुलिस को भी मुश्किलें आती हैं। कई बार तो यह बात भी सामने आई है कि पैरोल पर छूटे बंदी की बीमारी या दूसरी वजह से फरारी के दौरान मृत्यु हो जाती है। जिसकी जानकारी भी बाद में लगती है।