जबलपुर

फर्जी उपार्जन केंद्रों की भोपाल से होगी जांच

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति संचालक ने बनाई 10 टीमें, 42 गोदामों की होगी जांच

यश भारत की खबर का असर

जबलपुर, यश भारत। जबलपुर जिले में चल रही न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीदी में हो रहे फर्जी बाड़े को लेकर यश भारत द्वारा फर्जी उपार्जन केंद्रों के संबंध में लगातार समाचार प्रकाशित किया जा रहे थे। जिसको लेकर जबलपुर के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई । जिसके बाद शनिवार की देर रात खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मुख्यालय द्वारा इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 10 टीमों का गठन किया गया है। जो जबलपुर जिले की 42 गोदाम में जाकर चल रहे इस फर्जी बाड़े की जांच करेगी।

धान उपार्जन को लेकर जिले में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा खरीदी के 20 दिन बीत जाने के बाद स्व सहायता समूहों को काम देने की कोशिश की जा रही थी, जिसके चलते 42 गोदाम के नाम और उनमें स्थापित करने के लिए 42 स्व सहायता समूह की सूची जबलपुर जिला मुख्यालय द्वारा भोपाल भेजी गई थी । इसके बाद भोपाल में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों के कान खड़े हो गए और खरीदी के 20 दिन बीत जाने के बाद 42 केंद्रों की स्थापना को लेकर सवाल उठने लगे इसके बाद प्रदेश स्तरीय टीम का गठन किया गया है जिसमें लगभग 20 सदस्य शामिल किए गए हैं ।

एक-एक गोदाम की होगी जांच

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मुख्यालय द्वारा जो पत्र जारी किया गया है उसमें स्पष्ट लिखा गया है कि जबलपुर में जिन केंद्रों पर एनआरएलएम के माध्यम से खरीदी करने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। उसके विषय में समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया है कि यहां पहले से धान का स्टॉक मौजूद है। जिसे आधार बनाते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं, जिसमें जांच टीम 42 गोदामों में जाकर उसके अंदर और बाहर रखे एक-एक स्टॉक की जांच करेगी। जिन किसानों का है उनसे व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेगी। धान की गुणवत्ता देखेगी, सत्यापन करेगी उसके बाद कार्रवाई आगे बढ़ेगी।

देर रात आया आदेश

जानकारी के मुताबिक जांच टीम गठित करने का आदेश भोपाल मुख्यालय द्वारा देर रात जारी किया गया है। जबकि शुक्रवार की शाम से ही जबलपुर से बड़ी संख्या में गोदाम संचालक भोपाल में डेरा जमाए हुए थे, जो यह मानकर चल रहे थे कि जबलपुर से जुगाड़ करके जो नाम भोपाल पहुंच गए हैं , बस वहां पर कागजी कार्रवाई होना है और केंद्रों की स्थापना हो जाएगी। लेकिन भोपाल के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मामले की गंभीरता को समझते हुए पूरी जांच पड़ताल के बाद ही किसी निर्णय पर जाने की बात कही गई।

शनिवार को छुट्टी का दिन होने के बाद भी भोपाल में सुबह से लेकर देर रात तक बैठकों का दौर चलता रहा । उसके बाद निष्पक्ष रूप से निर्णय लेते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं। इस विषय में यश भारत से चर्चा करते हुए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग के संचालक दीपक सक्सेना ने बताया कि जबलपुर में बिना उपार्जन केंद्र खोले धान के स्टॉक की जानकारी प्राप्त हुई है । जिसको लेकर टीम बनाई जाएगी और निष्पक्ष जांच होगी उसके बाद जो भी जांच रिपोर्ट में आएगी उसके आधार पर निर्णय लिया जाएगा।

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