देशभर में जबलपुर का वीयू एक्सपर्ट प्रोजेक्ट चलेगा: यूरिन-स्केट से बाघिन के गर्भवती होने का पता चलेगा
जबलपुर, यशभारत। नानाजी देशमुख वेटरनरी साइंस यूनिवर्सिटी (वीयू)के एक्सपर्ट का प्रोजेक्ट पूरे देश में लागू होगा। दरअसल वीयू एक्सपर्ट ने एक प्रोजेक्ट तैयार किया है जिसके तहत बाघिन के यूरिन (पेशाब) और स्केट (मल) से गर्भवती होने का पता आसानी से चल जाएगा। यूनिवर्सिटी ने दो साल पहले अपना यह प्रोजेक्ट भारत सरकार को भेजा था जिसमें हरी झण्डी मिलते ही वीयू के एक्सपर्ट ने इसमें काम शुरू कर दिया। वीयू एक्सपर्ट का यह प्रोजेक्ट सफल होगा तो सरकार इस समस्त राज्यों में लागू करेगी। फिलहाल यह प्रोजेक्ट अगले माह से भोपाल-रीवा में शुरू होने जा रहा है।
बाघिन के घूमते हुए गर्भवती होने का पता लगाया जा सकेगा
प्रोजेक्ट के प्रिंसिपल डॉ. आदित्य मिश्रा ने बताया यह प्रोजेक्ट 2021 से 2023 के लिए मिला है। प्रोजेक्ट के तहत मादाबाघ के गर्भवती होने का पता तब चल सकेगा जब वह घूमती रहेगी। इसके लिए यूरिन व स्केट की सैम्पलिंग की जाएगी। समय पर मादा बाघ के गर्भवती होने का पता चल जाएगा तो उसके पोषण आहार के साथ आपसी संघर्ष से भी बचाने पर काम किया जा सकता है। मादा बाघ प्रसव काल 100 से105 दिन के बीच का होता है। ऐसे में यदि 25 वें दिन से गर्भवती होने की जानकारी मिल जाए, तो शेष 75-80 दिन क्योर कर पोषक तत्वों पर क म किया जा सकता है। यदि बाघिन को इस गर्भकाल में पोषण युक्त आहार मिले तो शावक की मृत्यु दर को क म किया जा सकता है।
15 लाख का प्रोजेक्ट, तैयारियां चल रही है
वीयू कुलपति डॉ. एसपी तिवारी ने बताया कि यह प्रोजेक्ट 15 लाख का है, राशि कहां और कैसे खर्च होगी इसकी रूपरेखा तैयार हो रही है। संभवत: देश में ऐसा प्रोजेक्ट पहली बार आया है और भारत सरकार ने भी प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वन में लागू करने की बात कही है।