खाना लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे NSUI कार्यकर्ता:अपर कलेक्टर ने खाना लेने से किया इंकार, एकलव्य छात्रावास से लेकर आए थे कार्यकर्ता भोजन
रामपुर एकलव्य आदर्श आवासीय छात्रावास में रहने वाले सैकड़ों आदिवासी बच्चे सोमवार को दूषित भोजन करने से बीमार हो गए थे। उल्टी और बेहोशी का शिकार हुए बच्चों को मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल सहित निजी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। आनन- फानन में प्रशासन ने तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया। सभी को उम्मीद थी कि अब तो खाने में सुधार होगा।
बुधवार को NSUI के कार्यकर्ता उसी आवासीय स्कूल पहुंचे जहां का खाना खाने से बच्चे बीमार हुए थे। NSUI ने पाया कि आज भी खाने की गुणवत्ता वैसी ही है, जैसे की पहली थी। जबकि कलेक्टर ने निर्देश भी दिए थे। NSUI के जिला अध्यक्ष सचिन रजक अपने कार्यकर्ताओं के साथ कलक्ट्रेट पहुंचे और इस दौरान NSUI के कार्यकर्ताओं ने अपने साथ हॉस्टल में बना हुआ खाना भी लिए हुए थे। NSUI के प्रदर्शन की जानकारी पुलिस को लगी तो वह भी मौके पर पहुंच गई। सचिन रजक का कहना था कि हॉस्टल का ये खाना हम कलेक्टर के लिए लेकर आए है। हम चाहते है कि जो खाना आदिवासी बच्चे खाते है, वो खाना कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन हमारे साथ खाए।
NSUI कलेक्टर के कैबिन में जाने की कोशिश कर रहें है, जिन्हें की पुलिस ने बाहर ही रोक लिया। NSUI के कार्यकर्ताओं से मिलने अपर कलेक्टर नाथूराम पहुंचे। जिसके बाद जैसे ही कार्यकर्ताओं ने अपर कलेक्टर को खाना खाने को दिया तो उन्होंने लेने से मना कर दिया और वहां से चलते बनें। इसके बाद NSUI के कार्यकर्ताओं से पुलिस ने खाना लें लिया। सचिन रजक का कहना है कि जिस हॉस्टल में दूषित खाना खाने से बच्चे बीमार हुए है, वहां पर ढ़ाई करोड़ रुपए हर साल खर्च होते है। इसके बाद भी इस तरह का खाना बच्चों को दिया जा रहा है।