ऐसी होती है चरित्रहीन स्त्रियों की कुंडली,इनके कुंडली में बनता है अवैध संबंध का योग,बरबाद कर देती है पूरा परिवार
आजकल लोगों को वैसे तो कुंडलियों पर भरोसा नहीं है लेकिन शास्त्रों में कुंडलियों का बेहद महत्व बताया गया है. आपको बता दें कि कई बार की स्त्री की कुंडली में कुछ ऐसे दोस्त होते हैं जो परिवार की बर्बादी का कारण बन जाते हैं और परिवार को इस से पूरी तरह से नष्ट हो जाता है.
रिश्तों की बात की जाए. तो पति-पत्नी की रिश्ते आज के समय में अधिक टूटते हैं. क्योंकि किसी पुरुष को अगर चरित्रहीन स्त्री मिल जाती हैं. जो अनैतिक संबंध रखती हैं. इस कारण रिश्ते टूट जाते हैं. लेकिन ऐसी स्त्री की कुंडली देखि जाए. तो उसके चरित्रहीन होने के लक्षण कुंडली में दिखाई देते हैं.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की n लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
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तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
चरित्रहीन स्त्री की कुंडली कैसी होती है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में चंद्र, शुक्र और मंगल की स्थिति को देखकर किसी भी व्यक्ति के चरित्र के बारे में जाना जा सकता हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह को पाप ग्रह माना जाता हैं. मंगल ग्रह अन्य ग्रहों के साथ मिलकर अनैतिक संबंध बनाता हैं.
शुक्र ग्रहों को यौन और आकर्षण का ग्रह माना गया हैं. तथा चंद्र ग्रह मानसिक स्थिति बदल सकता हैं. यह तीनो ग्रह मिलकर किसी भी व्यक्ति को दुराचार तथा चरित्रहीनता की और धकेल सकते हैं.
अगर किसी लड़की की कुंडली में कन्या राशि में किसी भी स्थान पर मंगल ग्रह मौजूद हैं. तो ऐसी लड़की या स्त्री चरित्रहीन मानी जाती हैं. आप ऐसी स्त्री के चरित्र पर संदेह कर सकते हैं.
किसी भी स्त्री की कुंडली में शुक्र और मंगल एक साथ एक ही राशि में मौजूद हैं. तो ऐसी लड़की के अनेक अनैतिक संबंध हो सकते हैं.
जिस स्त्री की कुंडली में लग्न भाव यानि पहले भाव में जो राशि हैं. उस राशि का स्वामी पाप ग्रह के साथ मिलकर बारहवें भाव में मौजूद हैं. तो ऐसी स्त्री चरित्रहीन मानी जाती हैं. ऐसी स्त्री किसी के भी साथ अनैतिक संबंध बना सकती हैं.
कुंडली के पहले भाव में कन्या राशि के साथ मंगल मौजूद हैं. तथा कुंडली के सातवें भाव में शुक्र मौजूद हैं. तो ऐसी स्त्री एक से अधिक पुरुष के साथ अनैतिक संबंध रखती हैं.
कुंडली में अवैध संबंध के योग
कुंडली में अवैध संबंध के कुछ योग हमने नीचे बताए हैं.
अगर किसी की कुंडली में शुक्र और शनि की युति हैं. तो यह वैवाहिक जीवन में किसी अन्य व्यक्ति के आने का संकेत देती हैं.
अगर कुंडली के पंचम भाव में शनि, शुक्र या मंगल मौजूद है. तो यह अवैध संबंध को दर्शाती हैं.
वृश्चिक या मेष राशि में मंगल ग्रह के साथ अगर शुक्र मौजूद हैं. तो ऐसा योग अनैतिक संबंध कर निर्माण करता हैं.
अगर अष्टम भाव में राहू मौजूद है. तो ऐसा योग अवैध संबंध दर्शाता हैं.