जबलपुर में 40 कबाड़ मेट्रों बसें लोगों को देगी सुविधाएं: नगर निगम आयुक्त ने कबाड़ मेट्रो बस को बनाया चेजिंग रूम और रैन बसेरा
जबलपुर, यशभारत।
नगर निगम ने कबाड़ से जुगाड़ पर काम करना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में नगर निगम आयुक्त स्वप्निल वानखड़े ने अनूठी पहल शुरू कर दी है। कबाड़ हो चुकी दो बसों को रैन बसेरा और चेजिंग रूम में तब्दील किया गया है। जबकि 40 ऐसी बसें है जो सड़कों पर चलने लायक नहीं है उन्हें भी लोगों की सुविधा के लिए उपयोग किया जाएगा। इन बसों को सजाकर रैन बसेरा बनाया जाएगा तो वहीं इनमें रेस्टारेंट और महिलाओं के चैंजिंग रूम और बाथरूम बनाने की योजना पर काम जमीन दिखने लगा है। आइएसबीटी बस स्टैंड में तीन बसों को लोककलाओं का रंग-रूप देकर सजाया गया है। इनका प्रयोग रैन बसेरा के तौर पर होगा। इन रैन बसेरों को मेडिकल, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के बाहर रखेगा। निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े ने बताया कि आइएसबीटी बस स्टैंड का निरीक्षण किया गया था। इस दौरान उन्होंने कबाड़ हो चुकी बसों को नए रंग रूप में देखकर खुशी जाहिर की और कहा कि जल्द ही कबाड़ हो चुकी बसों को बड़ी संख्या में नया रूप देकर इनका उपयोग किया जाए।
40 बसों को दिया जाएगा नया रंग-रूप
आइएसबीटी में लगभग 40 बस कबाड़ हो चुकी हैं और इनका उपयोग करने के लिए नगर निगम सजाकर और उपयोगी बनाकर इनका उपयोग अस्थाई रैन बसेरा से लेकर महिलाओं के लिए चैजिंग रूम के तौर पर करेगा। आयुक्त ने कहा कि कि नर्मदा नदी के घाट से लेकर पार्क और स्टेडियम में हम स्थाई निर्माण नहीं कर सकते। ऐसे में इन बसों को तैयार कर रेस्टारेंट बनाया जा सकता है। वहीं रैन बसेरा बनाकर इन्हें ऐसे जगह खड़ा किए जाए, जहां रात के वक्त लोक सड़क और फुटपाथ पर सोते हैं। वे इन बसों को देखकर वहां फुटपाथ पर सोने की बजाए इन बसों में सोएंगे।