जबलपुर के पूर्व निगमायुक्त रमेश थेटे के खिलाफ लोकायुक्त में मामला दर्ज : बैंक से किए बे-हिसाब ट्रांजेक्शन
जबलपुर, यशभारत। जबलपुर में पूर्व नगर निगम आयुक्त रमेश थेटे एंव उनकी पत्नी के खिलाफ लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज किया गया है। पूरा मामला अनुपातहीन संपत्ति से जुड़ा है। जिसकी जांच जारी है।
जानकारी अनुसार रमेश थेटे, भा.प्र.से. सेवानिवृत्त, वर्ष 2001-2002 के बीच जबलपुर में आयुक्त, नगर निगम के पद पर पदस्थ रहे तथा बाद में संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण, जबलपुर के पद पर पदस्थ हुये थे । उक्त अवधि के दौरान रमेश थेटे द्वारा अपनी पत्नी श्रीमती मंदा थेटे के नाम से जबलपुर के विभिन्न बैंकों से लगभग 68 लाख रूपये का ऋण प्राप्त किया था। जिसे उन्होंने वर्ष 2012-2013 के दौरान अल्प अवधि में वापस जमा किया गया था। जिस पर रमेश थेटे, भा.प्र.से. के विरूद्ध लोकायुक्त संगठन में प्राथमिक जाँच वर्ष 2013 में पंजीबद्ध की गई थी । जांच उपरांत पाया गया कि रमेश थेटे एवं श्रीमती मंदा थेटे द्वारा वर्ष 2012-2013 की अवधि में अत्याधिक राशियों का लेन-देन विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से किया गया है। रमेश थेटे का तत्कालीन आय के परिप्रेक्ष्य में अनुपातहीन संपत्ति होना पाया गया, उपरोक्त जाँच के आधार पर रमेश थेटे, भाप्रसे. (सेवानिवृत्त) एवं श्रीमती मंदा थेटे पत्नी रमेश थेटे, निवासी नागपुर (महाराष्ट्र) के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है । प्रकरण की विवेचना इकाई के द्वारा की जा रही है।