प्राथमिक शिक्षक पात्रता हेतु 18 वर्ष एवम पात्र अभ्यर्थीयों की आयु 21 को चुनोती देने बाली याचिका स्वीकार
जबलपुर :- प्राथमिक शिक्षक संवर्ग की पात्रता परीक्षा 2020 में पात्र अभ्यर्थीयों की काउंसलिग की प्रक्रिया में पात्र पाए गए अभ्यर्थीयों की मिनिमम आयु का निर्धारण 01/01/2022 को 21 वर्ष किया गया । जिसके कारण पात्र हजारो अभ्यर्थी चयन से बंचित हो गए है, ठीक इसी प्रकार याचिकाकर्ता ह्रषिकेश बिसेन तथा कु.ऋतु कोल ने अधिवक्ता रामेश्वर रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक WP/27745/2022 दाखिल कर डीपीआई द्वारा जारी आदेश दिनांक 22/4/2022 की वैधानिकता को इस आधार पर चुनोती दी गई की चयन प्रक्रिया के मध्य में नियमो को परिवर्तित नही किया जा सकता ।
उक्त याचिका की आज 13/12/22 को प्रारंभिक सुनवाई मुख्य न्यायमुर्ति श्री रवि मलीमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ द्वारा की गई । अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया की वर्ष 2020 में व्यापम जारी किए गए विज्ञापन में अभ्यर्थी की मिनिमम आयु दिनांक 01/01/2021 को 18 वर्ष निर्धारित की गई थी तथा व्यापम ने 17/3/ 2022 को परीक्षा आयोजित की एवम अक्टूबर 2022 में परिणाम घोषित किए गए उक्त परीक्षा में पात्र उम्मीदवारों को काउंसलिंग में भाग लेने के लिए डी.पी.आई. (लोक शिक्षण संचनालय) द्वारा दिनांक 27/10/22 को आदेश जारी करके अभ्यर्थीयों की मिनिमम आयु 21 वर्ष नियत कर दी गई ।
अधिवक्ता ने कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के अनेक फैसलो का हबाला देकर बताया गया की गेम आरम्भ होने के बाद मध्य में गेम के नियमो में परिवर्तन नही किया जा सकता अर्थात उक्त भर्ती प्रक्रिया के मध्य में अभ्यर्थीयों की शैक्षिकयोग्यता, आयु या अन्य कोई भी मापदंड परिवर्तित नही किए जा सकते अपने तर्कों में हाईकोर्ट को बताया गया की समान्य प्रशासन विभाग द्वारा 4/7/2019 को अधिसूचना जारी करके खुली प्रतियोगिता से सीधी भर्ती के पदों पर भर्ती से संवंधित पदों के लिए 18 से 40 वर्ष तथा आरक्षित वर्ग को 18 से 45 वर्ष आयु नियत की गई है।डीपीआई सहित शासन के समस्त विभाग सामान्य प्रशासन विभाग के नियम माननी वाध्य है , संवैधानिक
प्रावधानों के अनुसार, शासन का कोई भी विभाग सामान्य प्रशासन के अनुमोदन के बिना प्रथक से विरोधाभाषी नियम नही बना सकता अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के उक्त तर्कों को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए पाया की उक्त भर्ती के नियमो में परिवर्तन किया गया है जो दोषपूर्ण है । हाईकोर्ट ने दोनों याचिका कर्ताओ को जो अभी 21 वर्ष से कम आयु के है उनको उक्त काउंसलिंग में शामिल करने का आदेश पारित किया गया । याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, अंजनी कुमार कोरी ने की ।