देशी का जलवा….विदेशी चारों खाने चित्त : त्यौहारी सीजन में मदिरा का जलवा
जबलपुर, यशभारत। त्यौहारी सीजन में देशी मदिरा का जलवा देखने को मिल रहा है। तो वहीं विदेशी (अंग्रेजी) मदिरा चारों खाने चित्त है। आंकड़ों की अगर बात करें तो विदेशी मदिरा की बिक्री में जहां 90 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है तो वहीं देशी मदिरा की बिक्री महज 5 से 10 फीसदी ही कम हुई है। जिसके बाद यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चारों तरफ केवल देशी का ही जलवा है।
महापर्व के दौरान शराब की बिक्री में भारी गिरावट देखने को मिलती है। शासन के आय के प्रमुख स्त्रोतों के रुप में मदिरा चिन्हित है। लेकिन इस वर्ष जो आंकड़े सामने आ रहे है वह चौकाने वाले है। क्योंकि विदेशी मदिरा की बिक्री में इस कदर गिरावट देखा जाना अपने आप में आश्चर्य से कम नहीं है।
महंगाई का तड़का या…..
अंग्रेजी शराब बिक्री में गिरावट के अपने मायने है। जिसे महंगाई से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि अंग्रेजी मदिरा जहां महंगी होती है, तो वहीं देशी मदिरा सस्ती है। वहीं, एक अनुमान के मुताबिक देशी मदिरा आम आदमी की पहली
पसंद होती है तो वहीं अंग्रेजी मदिरा अमीरों के शौक में शामिल है। जिसके चलते त्यौहारी सीजन में यह अदाजा लगाया जा सकता है कि आम आदमी शराब के नशे में चूर है तो वहीं समाज के ऊंचे तपके से संबंधित लोग त्यौहार मना रहे है। जिसके चलते ही अंग्रेजी शराब की खपत लगभग खत्म हो चुकी है।