इंदौरग्वालियरजबलपुरभोपालमध्य प्रदेशराज्य

तीर्थयात्रियों की मौत पर फूट-फूटकर रोए 9 गांव, :9 चिताओं पर 9 दंपती; घरों में चूल्हे नहीं जले, बिना बैंड-बाजे निकली बारात

उत्तराखंड में चारधाम के दौरान यमुनोत्री के रास्ते हुए बस हादसे में 26 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। इनमें मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के 25 तीर्थयात्री थे। सभी तीर्थयात्रियों का मंगलवार को अंतिम संस्कार हुआ। मृतकों में 9 दंपती थे, जिनका 9 चिता पर अंतिम संस्कार हुआ। मृतकों में 8 लोग सांटा, 2 पवई, 2 सिमरिया, 1 चिखला, 4 मोहंद्रा, 2 कुंवरपुर, 2 कोनी, 1 ककरहटा, 2 उड़ला गांव के थे।

30 1

सबसे ज्यादा मार्मिक दृश्य सिमरिया क्षेत्र के बुद्धसिंह साटा का है। यहां 8 लोगों की मौत से मातम पसरा है। मंगलवार सुबह 8 बजे जैसे ही द्विवेदी परिवार की एक साथ 6 अर्थियां उठी, हर आंख भर आई। मां और घर के मुखिया पिता को खोने वाले बच्चे सदमे हैं। साटा के द्विवेदी परिवार के तीन दंपती इस यात्रा में शामिल थे। तीनों दंपती की चिताएं साथ जलीं।

32 2

बुद्धसिंह साटा गांव के योगेश द्विवेदी ने बताया कि सबसे पहले ग्रामीणों ने डॉक्टर साहब राजाराम सिंह, उनकी पत्नी गीता सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित कर अंतिम संस्कार कराया। इसके बाद द्विवेदी परिवार की 6 अर्थियां सोनार बेरमा नदी के संगम के पास मुक्ति धाम लेकर पहुंचे और अंतिम संस्कार किया। वेद नारायण ने बताया कि 6 लोगों के लिए चार चिताएं बनाई गई। पहली चिता में दिनेश प्रसाद द्विवेदी, पत्नी प्रभा द्विवेदी, दूसरी चिता में उनकी मां, तीसरी चिता में चचेरे भाई हरि नारायण द्विवेदी, उनकी पत्नी हरि बाई, चौथी चिता में भाई रूपनारायण का दाह संस्कार किया गया।

33 1

बड़ी उम्मीदों के साथ बच्चों ने अपने परिजन को तीर्थयात्रा पर भेजा था। इनमें किसी के माता-पिता थे, तो किसी के बड़े भाई-भाभी थे। उन्हें नहीं पता था कि ये उनकी आखिरी यात्रा होगी। कोई उधार लेकर गया तो किसी के लिए गांव वालों ने चंदा जुटाया। अब चारों ओर सिर्फ दर्द, आंसू और मातम है…।

सोमवार देर शाम लाए गए थे शव

तीर्थयात्रियों के पार्थिव शरीर सोमवार शाम करीब 7.30 बजे एयरफोर्स के विमान से खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने यहां से शवों को अलग-अलग वाहनों में रखवाकर 9 गांवों में रवाना किया। इस हादसे ने कई परिवारों के सिर से बड़े-बुजुर्गों का साया छीन लिया है। सभी मृतक पवई विधानसभा के 9 गांवों के रहने वाले थे। अब इन गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है। हर घर में एक दुखभरी कहानी है।

दुख में गांव साथ… पिता ने बिना बैंड-बाजे के बेटे की बारात निकाली
एक साथ 8 लोगों की मौत से साटा में मातम पसरा रहा। इसी दुख में यहां ज्यादातर घरों में दिन में चूल्हा नहीं जला। फुल्ला वर्मन के घर बेटे की बारात जाने की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन विवाह घर में भी उत्साह नहीं था। बगैर गाजे-बाजे के दूल्हे देशराज वर्मन की निकासी हुई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon Join Yashbharat App
Notifications Powered By Aplu