जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी परीक्षा नियंत्रक कुर्सी विवादः 3 साल बाद फिर बनाए गए डाॅक्टर पुष्पराज बघेल परीक्षा नियंत्रक
जबलपुर, यशभारत। मप्र आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी जबलपुर परीक्षा नियंत्रक डाॅक्टर वंदृा सक्सेना को हटाकर डाॅक्टर पुष्पराज सिंह बघेल को परीक्षा नियंत्रक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही एक बार फिर परीक्षा नियत्रंक कुर्सी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। 3 साल पहले साल 2019 में भी डाॅक्टर पुष्पराज बघेल परीक्षा नियंत्रक थे उस वक्त यूनिवर्सिटी में परीक्षा परिणाम से लेकर कापियों की चैकिंग और गोपनीय विभाग में गड़बड़ी की बात सामने आई थी जिसके बाद श्री बघेल को हटाकर डाॅक्टर तृप्ति को परीक्षा नियंत्रक बनाया गया था।
प्रभारी के रूप में लंबा था कार्यकाल
बताया जा रहा है कि 3 साल पहले जब परीक्षा नियंत्रक रहे डाॅक्टर पुष्पराज बघेल का प्रभारी के तौर पर सबसे लंबा कार्यकाल था। इनके कार्यकाल के समय ही गोपनीय विभाग में गड़बड़ी होने की बात सामने आई थी। हालांकि इस पूरे प्रकरण को छिपाने में विवि के अधिकारी जुटे थे लेकिन बाद में जब विवाद बढ़ा तो श्री बघेल को परीक्षा नियंत्रक पद से हटाया गया था।
ये था पूरा मामला
साल 2019 में मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (मेडिकल यूनिवर्सिटी) प्रशासन को परीक्षा और गोपनीय विभाग में गड़बडियों की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। एमबीबीएस रिजल्ट के नोटिफिकेशन को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट से भी विश्वविद्यालय की साख पर आंच आ रही थी। दबाव बढने पर अचानक फैसला लेते हुए परीक्षा नियंत्रक का प्रभार बदल दिया गया। पुष्पराज की जगह डाॅ. तृप्ति गुप्ता को परीक्षा नियंत्रक का प्रभार सौंपा गया था।
इन बिंदुओं पर धांधली की हुई थी पुष्टि
जांच के दौरान सरकारी कार्य पर भोपाल जाने का आदेश परीक्षा नियंत्रक ने समिति के समाने पेश नहीं किया। काॅलेजों के साथ साठगांठ कर अंकों में फेरबदल की मौखिक शिकायत समिति को मिली है। परीक्षा परिणाम जारी होने से पहले ही एक कर्मी के पास रिजल्ट का ब्योरा आने से गोपनीयता भंग हुई। कर्मचारी के खिलाफ एक पेमेंट ऐप पर छात्रों से रुपए मांगने की मौखिक शिकायत समिति को मिली। परीक्षा विभाग के एक आउटसोर्स कर्मी के खाते में ई-वाॅलेट के माध्यम से पैसे भेजे जाने की शिकायत मिली।