जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

ओबीसी आरक्षण सुनवाई पीठ से विरत् हुए न्यायाधीश पीके कौरव

कारण. महाधिवक्ता के रूप में राज्य शासन का रख चुके है पक्ष

जबलपुर,यशभारत। ओबीसी आरक्षण की सुनवाई को लेकर चीफ जस्टिस माननीय रवि मलिमठ ने इस सुनवाई के लिये गठित न्यायमूर्तियों की पीठ से हाईकोर्ट के नवनियुक्त न्यायाधीश पीके कौरव के अनुरोध पर इस सुनवाई के लिये निर्धारित सदस्य पद से अलग कर दिया है, जिसके बाद अब वे ओबीसी आरक्षण मामले की सुनवाई नहीं करेगें। इस बदलाव के पीछे कारण यह है कि न्यायमूर्ति श्री कौरव ने महाधिवक्ता पद पर रहते हुए  ओबीसी आरक्षण में सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष रखा था। श्री कौरव ने महाधिवक्ता के रूप में कई प्रकरणों में अपने विचार भी रखे थे, जिसमंे कई अभिमतों को चुनौती भी दी गई थी। जो जेडीए ने सर्कुलर जारी किये थे। श्री कौरव द्वारा सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चुनौती भी दी थी। न्यायमूर्ति श्री कौरव के इस निवेदन पर विचार करते हुए मुख्य न्यायाधीश माननीय रवि मलिमठ ने माननीय न्यायाधीश पीके कौरव को ओबीसी आरक्षण सुनवाई से अलग किया है। ओबीसी आरक्षण के 27ः से संबंधित 55 याचिकाओ की त्वरित सुनवाई कर निराकृत करने का माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य शासन की एसएलपी पर 21 मार्च 2022 को हाइकोर्ट को निवेदांत्मक निर्देशित किया था ।
समस्त प्रकरण आज सुनवाई हेतु मुख्यंन्यायमूर्ति की अध्यक्षता  वाली युगल पीठ में सीरियल क्रमांक 44 से 44ण्54 पर लिस्टेड थी । उक्त प्रकरणों में मध्यप्रदेश शासन की ओर से महाधिवक्ता  प्रशांत सिंह एवं विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक प्रसाद साह उपस्थित हुए । समस्त प्रकरणो की अगली सुनवाई 4 अप्रेल को होगी ।
शासन के विशेष आधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है कि उक्त प्रकरणो के अंतिम निराकरण न हो पाने के कारण भर्तियो एवम प्रवेश में शासन को कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा है । विगत एक सप्ताह से 13ः होल्ड चयनित शिक्षक भोपाल में धरना पर बैठे है ।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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