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CM शिवराज की चेतावनी:हम संकट के मुहाने पर, दूसरी लहर के ट्रेंड की तरह बढ़ रहा कोरोना; प्राइवेट अस्पतालों से 3 महीने का अनुबंध करें

जबलपुर, यशभारत। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिए हैं कि प्रदेश में कोरोना एक बार फिर तेजी से पैर पसार रहा है। रविवार को जिलों की क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के साथ बैठक में उन्होंने कहा- कोरोना के केस अब तेजी से बढ़ना शुरू हो गए हैं। हम संकट के मुहाने पर खड़े हैं। कोरोना की दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर में केस बढ़ने का ट्रेंड दिख रहा है। इससे निपटने की तैयारी रखें।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि दवा-इंजेक्शन का कम से कम एक माह का स्टॉक हर जिले में रहना चाहिए। हर जिले में फीवर क्लीनिक फिर से शुरू करें और जिला स्तर के अलावा हर ब्लॉक में कोविड केयर सेंटर बनाएं। उन्होंने कोरोना के सैंपल टेस्ट बढ़ाने के साथ यह भी कहा कि सैंपल रिपोर्ट 24 घंटे में आए, यह सुनिश्चित किया जाए। कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तीन माह के लिए ( 1 जनवरी से 31 मार्च 2022 तक) प्राइवेट अस्पतालों से मुख्यमंत्री उपचार योजना के तहत अनुबंध करें। कोविड कमांड व कंट्रोल सेंटर हर जिले में शुरू किए जाएं।

शिवराज ने यह भी कहा कि जिला, वार्ड और ब्लॉक लेबल पर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप को सक्रिय होना पड़ेगा। जिला स्तरीय कोविड केयर सेंटर अनिवार्य रूप से प्रारंभ करें। प्रभारी मंत्री, कलेक्टर, सांसद व विधायक इसे गंभीरता से लें। अब सैंपल टेस्ट के लिए हर जिले को टारगेट के अनुरूप काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सोमवार 3 जनवरी को शुरू हो रहे बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर कहा कि सरकार का टारगेट 15 जनवरी तक प्रदेश के 15 से 18 साल तक के आयु वर्ग के 48 लाख को वैक्सीन लगाने का है।

जानकारों से मिल रही जानकारी के मुताबिक तीसरी लहर में कोरोना ज्यादा घातक नहीं होगा, लेकिन तेजी से फैलेगा। ऐसे में अधिकांश पॉजिटिव मरीज का इलाज घर पर ही होगा। होम आइसोलेट वाले मरीजों को मोबाइल कोविड टीम दवा पहुंचाएगी।

इससे पहले स्वाथ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सामने कोरोना की वर्तमान स्थिति और सरकार की तैयारी को लेकर एक वर्चुअली प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि देश में एक्टिव केस 6 दिन में दो गुना हो गए हैं। महाराष्ट्र व कोलकाता में केस तेजी से बढ़ रहे हैं। अभी तक प्रदेश में रोजाना 62 हजार टेस्टिंग हो रही थी, इसे 1 जनवरी से बढ़ाकर 75 हजार कर दिया गया है।

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