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संस्कारधानी के लिए गौरव और सौभाग्य की बात प्रदेश का पहला शहर जहॉं मॉं नर्मदा का जल ए-क्लास पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट ने लगाई मुहर – महापौर  अन्नू

संस्कारधानी के लिए गौरव और सौभाग्य की बात प्रदेश का पहला शहर जहॉं मॉं नर्मदा का जल ए-क्लास पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट ने लगाई मुहर – महापौर  अन्नू

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जबलपुर। आज सदन की बैठक में महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने शहर विकास को लेकर सार्थक एवं सारगर्भित उद्बोधन देते हुए कहा कि सदन में जो शहर विकास पर आधारित बजट पेश किया गया है, वह बजट संस्कारधानी के संस्कारों के अनुरूप विकास कार्यो को जमीनी धरातल पर उतारने और शहर को तेजी से महानगर का स्वरूप प्रदान करने की दिशा में कार्य करने के लिए पेश किया गया है और बजट के अनुरूप ही शहर में विकास कार्यो को पूर्ण कराकर शहर के नागरिकों को एक साथ अनेकों सौगातें दी जायेगी। महापौर ने गौरवांवित होकर बड़े सम्मान से एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि मध्यप्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश का पहला शहर जबलपुर बना है जहॉं मॉं नर्मदा के जल को ए-क्लास अर्थात पीने योग्य निरूपित किया गया है। इसके पीछे भी नगर सरकार की भूमिका और महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू के सराहनीय प्रयास रहे हैं। महापौर ने संस्कारधानी के विकास कार्यो को लेकर कहा कि नगर निगम में न कभी धन की कमी रही है और न ही कभी धन की कमी रहेगी।
उन्होंने जनहित एवं विकास कार्यो को लेकर यह भी बताया कि शहर के 4 और प्रमुख क्षेत्रों में अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने अग्नि शमन केन्द्रों की स्थापना की जायेगी जिससे 4 से 5 मिनिट में फायर वाहन दुर्घटना स्थल पर पहुॅंच सके। उन्होंने बताया कि नगरीय निकाय क्षेत्रों को बैगर्स (भिक्षुक)-फ्री बनाने का कार्य किया जायेगा, इनमें से आवश्यकतानुसार भिक्षुकों को रोजगार के अवसर भी किये जायेगें प्रदान। उन्होंने बताया कि आश्रय स्थलों का उपयोग भी होगा और पढ़ाई-लिखाई का भी ध्यान दिया जायेगा, भोजन व्यवस्था भी की जायेगी। उन्होंने बताया कि संस्कारधानी में संस्कारों के अनुरूप कार्य करने नगर सरकार संकल्पित। उन्होंने कहा कि नगर में किसी भी व्यक्ति को ठंड, गर्मी, बरसात में बाहर खुले आसमान के नीचे सोना नहीं पड़ेगा, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत आश्रय स्थलों में सर्वसुविधायुक्त तरीके से औसत वर्तमानमे 100 व्यक्ति प्रतिदिन और ठंड में लगभग पूरी क्षमता से 220 व्यक्ति निःशुल्क आश्रय स्थलों पर रात्रि विश्राम करने की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं एवं लगभग प्रतिदिन 800 से 1 हजार लोग दीनदयाल रसोई योजना के अंतर्गत 5/- रूपये में भरपेट भोजन कर रहे हैं। शहर में दो स्थानों दीनदयाल रसोई एवं दो चलित वाहनों का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ढाई बर्षो में 122 दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्तियॉं प्रदान कर ऐतिहासिक रूप से कर्मचारी हित में कार्य किया गया। महापौर श्री अन्नू ने बताया कि मार्च और अप्रैल माह के बीच मात्र 45 दिनों में 115 करोड़ रूपये का भुगतान विकास कार्यो पर किया गया और विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए लगभग 150 करोड़ रूपये की राशि निगम कोष में है उपलब्ध। उन्होंने बताया कि शहर के सभी प्रवेश द्वारों को ग्रीनरी के माध्यम से सुसज्जित करने का कार्य किया जायेगा। 5 मिनिट में पहुॅंचेगी फायर बिग्रेड : शहर के 4 और प्रमुख क्षेत्रों में अग्नि शमन केन्द्रों की स्थापना की जायेगी – महापौर

 

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